ट्रंप का बड़ा धमाका: ऑटोपेन से साइन हुए बाइडेन के सभी आदेश रद्द, थर्ड वर्ल्ड देशों से इमिग्रेशन पर स्थायी रोक का ऐलान

अमेरिका की राजनीति में शुक्रवार को बड़ा तूफ़ान आया जब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक ऐसा फैसला सुनाया जिसने वॉशिंगटन में हलचल मचा दी। ट्रंप ने घोषणा की कि पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन की ओर से ऑटोपेन मशीन से किए गए सभी दस्तावेज अब निरस्त माने जाएंगे। उनका दावा है कि बाइडेन के करीब 92% आदेश इसी मशीन से साइन हुए थे।
ट्रंप ने अपनी सोशल मीडिया साइट ‘ट्रुथ सोशल’ पर लिखा कि “स्लीपी जो” के नाम से वे जिस भी आदेश पर ऑटोपेन की मदद से हस्ताक्षर किए गए, वे अब बेअसर हैं—उनका कोई कानूनी मूल्य नहीं रहेगा। उन्होंने कहा कि ऑटोपेन का इस्तेमाल तभी वैध है जब राष्ट्रपति खुद इसकी अनुमति दें, और बाइडेन इस प्रक्रिया में शामिल ही नहीं थे।
ट्रंप ने आरोप लगाया कि बाइडेन के चारों ओर मौजूद “रैडिकल लेफ्ट” के लोग असल में सत्ता चला रहे थे, और बाइडेन के कई आदेश उसी हवा में साइन कराए गए। ट्रंप ने यह भी चेतावनी दी कि यदि बाइडेन यह दावा करते हैं कि उनके स्टाफ ने उनकी मंजूरी से दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करवाए, तो यह “झूठी गवाही” माना जाएगा।
ट्रंप का कहना है कि यह पूरा मामला साबित करता है कि बाइडेन अपने कार्यकाल पर वास्तविक नियंत्रण में नहीं थे और मानसिक व शारीरिक कारणों से फैसलों में सक्रिय रूप से शामिल नहीं हो पाते थे।
इसी बीच ट्रंप ने एक और बड़ा कदम घोषित किया। उन्होंने कहा कि अब से थर्ड वर्ल्ड देशों से आने वाली इमिग्रेशन को स्थायी रूप से रोक दिया जाएगा ताकि बाइडेन के कार्यकाल में आए अवैध प्रवासियों को बाहर निकाला जा सके। ट्रंप ने यह भी लिखा कि गैर-नागरिकों को दी जाने वाली सभी सुविधाएं, सब्सिडी और आर्थिक मदद बंद होगी।
साथ ही, जो प्रवासी देश की शांति भंग करेंगे, सुरक्षा के लिए खतरा बनेंगे या ‘पश्चिमी सभ्यता’ से मेल नहीं खाएंगे, उनकी नागरिकता छीनी जाएगी और उन्हें बाहर किया जाएगा।
ट्रंप के ये सख्त फैसले ऐसे समय आए हैं जब दो दिन पहले वॉशिंगटन डीसी में एक अफगान नागरिक द्वारा नेशनल गार्ड के दो जवानों पर गोलीबारी की घटना हुई थी, जिसमें एक महिला सैनिक की मौत भी हुई।
इन बयानों और फैसलों ने अमेरिका में इमिग्रेशन नीति और पिछले प्रशासन के आदेशों की वैधता पर नया विवाद खड़ा कर दिया है।




