निर्भया केस: दरिंदों के पैंतरों में उलझा कानून, आज फिर सुनवाई

नई दिल्ली, (Fourth Eye News) सामूहिक दुष्कर्म मामले में दोषी करार दिए गए मुकेश कुमार की याचिका पर, आज मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट 12.30 बजे सुनवाई करेगा । मुकेश कुमार ने राष्ट्रपति से दया याचिका खारिज होने के बाद आदेश को चुनौती दी है । साथ ही एक फरवरी के डेथ वारंट पर भी रोक लगाने की मांग की है। हालांकि दया याचिका पर राष्ट्रपति का फैसला अंतिम माना जाता है।
एक फरवरी को होनी है फांसी
शाम को जारी हुई 28 जनवरी की सुप्रीम कोर्ट की लिस्ट में मुकेश की याचिका सुनवाई सूची में शामिल थी। मुकेश की याचिका पर सुनवाई न्यायमूर्ति आर भानुमति, अशोक भूषण और एएस बोपन्ना की पीठ करेगी। मुकेश की दया याचिका भी राष्ट्रपति गत 17 जनवरी को खारिज कर चुके हैं।
हालांकि बाकी के तीन दोषियों ने अभी तक राष्ट्रपति के यहां दया याचिका दाखिल नहीं की है। निचली अदालत ने इस मामले में चारो दोषियों मुकेश, अक्षय, विनय और पवन को फांसी दिये जाने के लिए एक फरवरी की तारीख तय कर रखी है। सोमवार को मुकेश की वकील ने मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे की पीठ के समक्ष याचिका का जिक्र करते हुए मामले पर शीघ्र सुनवाई की गुहार लगाई।
जल्दबाजी में खारिज की याचिका
मुकेश के साथ ही कोर्ट ने विनय की क्यूरेटिव याचिका भी खारिज की थी। मुकेश ने क्यूरेटिव याचिका खारिज होने के बाद राष्ट्रपति को दया याचिका भेजी थी। राष्ट्रपति ने भी गत 17 जनवरी को मुकेश की दया याचिका खारिज कर दी थी। जिसके बाद मुकेश की ओर से यह नयी याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई है। इसमें दया याचिका खारिज करने के आदेश को चुनौती दी गई है।
मुकेश ने याचिका में राष्ट्रपति के दया याचिका खारिज किये जाने को चुनौती देते हुए कहा है कि राष्ट्रपति ने याचिका पर ठीक से विचार नहीं किया और जल्दबाजी में याचिका खारिज कर दी गई। सुप्रीम कोर्ट ने गत 14 जनवरी को मुकेश की क्यूरेटिव याचिका खारिज कर दी थी।
आपको बता दें कि दिल्ली के वसंत विहार इलाके में 16 दिसंबर, 2012 को चलती बस में निर्भया के साथ इन चारों ने दरिंदगी की थी. पीड़िता की इसके बाद मौत हो गई थी. इस मामले में छह आरोपित थे, जिसमें राम सिंह ने तिहाड़ जेल में आत्महत्या कर ली थी, जबकि मुकेश सिंह, विनय कुमार शर्मा, पवन कुमार गुप्ता और अक्षय कुमार सिंह को पहले निचली अदालत फिर दिल्ली हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट भी फांसी की सजा सुना चुका है।