सरकारी कर्मचारियों की सैलरी बढ़ोतरी पर लगी ब्रेक, वजह बनी ऑनलाइन रिपोर्टिंग में तकनीकी दिक्कतें

सरकार की तरफ से कर्मचारियों के लिए कई अच्छे फैसले आते रहते हैं, लेकिन हाल ही में एक ऐसा कदम उठाया गया है जिसने सरकारी कर्मचारियों के बीच चिंता की लहर पैदा कर दी है। राजस्थान सरकार ने सालाना सैलरी बढ़ोतरी पर रोक लगा दी है, और इसके पीछे कारण है कर्मचारियों की ओर से व्यक्तिगत संपत्ति रिपोर्ट (IPR) समय पर न जमा कर पाना।
क्या है पूरा मामला?
राजस्थान सरकार ने सभी सरकारी कर्मचारियों को निर्देश दिए थे कि वे अपनी व्यक्तिगत संपत्ति रिपोर्ट समय सीमा के भीतर जमा करें। लेकिन कई कर्मचारियों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया और रिपोर्ट जमा करने में देरी की। इसके बाद सरकार ने कड़ा रुख अपनाते हुए, जो करीब 2.8 लाख कर्मचारियों ने रिपोर्ट नहीं दी, उनकी सैलरी बढ़ोतरी रोक दी, वहीं लगभग 3,000 पेंशनभोगियों की पेंशन भी अस्थायी रूप से बंद कर दी गई।
कर्मचारी संघ ने की सख्त मांग
इस फैसले के बाद कर्मचारी संघ ने सक्रिय भूमिका निभाई। अखिल राजस्थान राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ ने मुख्य सचिव और डीओपी सचिव से मिलकर आग्रह किया कि राजकाज पोर्टल, जो अप्रैल 2025 से ठीक से काम नहीं कर रहा है, उसे दोबारा खोला जाए ताकि कर्मचारी अपने दस्तावेज आसानी से अपलोड कर सकें।
महासंघ अध्यक्ष महावीर प्रसाद का कहना है, “राजकाज पोर्टल पर तकनीकी खराबी की वजह से लाखों कर्मचारी अपनी संपत्ति का डेटा समय पर नहीं भर पाए, जिससे उनकी सैलरी बढ़ोतरी प्रभावित हुई है। हम सरकार से आग्रह करते हैं कि ऑनलाइन आईपीआर फॉर्म भरने की अवधि दोबारा खोली जाए ताकि कर्मचारियों को उनका हक मिले।”
आगे क्या होगा?
कर्मचारी संघ की मांग है कि यदि आईएएस अधिकारियों को ऑनलाइन रिपोर्ट भरने की सुविधा मिल रही है, तो बाकी सरकारी कर्मचारियों के लिए भी इसका इंतजाम किया जाए। इसके बाद ही कर्मचारियों की सालाना सैलरी बढ़ोतरी की प्रक्रिया पुनः शुरू हो सकेगी और लाखों सरकारी कर्मचारियों को राहत मिलेगी।
अगर आप भी सरकारी कर्मचारी हैं तो इस खबर पर नजर बनाए रखें, क्योंकि यह फैसला सीधे आपके वेतन और भत्तों को प्रभावित करता है। सरकार और कर्मचारी संघ के बीच बातचीत जारी है, जल्द ही इस मामले में और अपडेट मिलेंगे।