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छत्तीसगढ़ में बदल रहा है टीचिंग का ट्रेंड: अब बीएड नहीं, डीएलएड है युवाओं की पहली पसंद!

रायपुर। छत्तीसगढ़ में शिक्षक बनने की चाह रखने वाले युवाओं की प्राथमिकता अब बदल गई है। जहां पहले बीएड को ही टीचिंग करियर की पहली सीढ़ी माना जाता था, अब वही रुख डीएलएड की ओर मुड़ गया है। 2024 में ऐसा पहली बार हुआ है जब डीएलएड के लिए बीएड से ज्यादा आवेदन हुए हैं — और वो भी लगभग दोगुने!

क्या कहती हैं संख्या?

बीएड की 14,400 सीटों के लिए इस साल 2.55 लाख आवेदन आए, वहीं डीएलएड की महज 6,720 सीटों के लिए पिछले साल ही 3 लाख से ज्यादा उम्मीदवारों ने फॉर्म भरा था। इस बार भी रुझान उसी दिशा में है, और आवेदन की प्रक्रिया अभी भी जारी है।

25 अप्रैल तक मौका, 22 मई को एग्जाम
फॉर्म भरने की आखिरी तारीख: 25 अप्रैल, शाम 5 बजे तक

परीक्षा तिथि: 22 मई (सुबह बीएड, दोपहर में डीएलएड)

गलती सुधार की सुविधा: 26 से 28 अप्रैल तक

परीक्षा केंद्र: प्रदेश के सभी 33 जिलों में

डीएलएड की डिमांड क्यों बढ़ी?

राज्य सरकार के एक बड़े फैसले ने इस ट्रेंड को जन्म दिया। अब प्राइमरी स्कूलों में शिक्षक बनने के लिए बीएड को मान्य नहीं माना जा रहा, सिर्फ डीएलएड ही पात्रता की शर्त है। बीते कुछ वर्षों में कई बीएड डिग्रीधारी युवाओं को भर्तियों में मौका नहीं मिल पाया, जिससे अब सीधा डीएलएड कोर्स चुनने वालों की संख्या तेजी से बढ़ रही है।

क्या आगे भी रहेगा यही ट्रेंड?

संभावना तो यही है। प्राथमिक स्कूलों में भर्ती की संख्या ज्यादा रहती है और पहली रिक्तियां भी इसी स्तर पर निकलती हैं। ऐसे में डीएलएड कोर्स भविष्य में और ज्यादा युवाओं की पसंद बन सकता है।

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