छत्तीसगढ़जशपुरनगर

केला, अंडा, दूध ,खिचड़ी खिलाने का लिया जिम्मेदारी बच्चों का वजन में हो रहा है निरंतर बढ़ोतरी.

जशपुरनगर । कंसाबेल विकासखंड के ग्राम पंचायत खुटेरा के सरपंच, उपसरपंच, सचिव, सुपरवाइजर, मितानिन ने 17 कुपोषित बच्चों को गोद लेकर उन्हें केला, अंडा, दूध, खिचड़ी खिलाने की जिम्मेदारी लेकर बच्चों को सुपोषित करने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन कर रहे हैं जिससे कुपोषित बच्चों में निरंतर वजन की बढ़ोतरी हो रही है और बच्चे सामान्य स्थिति में आ रहे हैं। साथ ही बच्चो के माता पिता व घर के अन्य सदस्य को भी बच्चे की व्यक्तिगत साफ सफाई ,घर में भी संतुलित भोजन खिलाने पर विशेष ध्यान देने की समझाइश दी जा रही है।

महिला एवं बाल विकास विभाग की सुपरवाइजर रजनी केरकेट्टा ने बताया कि कुपोषित बच्चों को सुपोषित करने के लिए सरपंच ,उप सरपंच, सचिव, वार्ड पंच एवं अन्य स्थानीय प्रतिनिधियों द्वारा बच्चों को सुपोषित करने के लिए सहयोग का हाथ बढ़ा रहे हैं। उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायत खुटेरा सरपंच हर्ष विजय, उप सरपंच मायाराम, सचिव चंद्रावती बाई के द्वारा खुटेरा पंचायत के 17 कुपोषित बच्चों को सामान्य स्थिति में लाने का प्रयास निरंतर किया जा रहा है। उनके द्वारा केला, अंडा, दूध, खिचड़ी आदि प्रदाय किया जा रहा है जिससे कुपोषित बच्चों के वजन में निरंतर वृद्धि हो रही है। उनके द्वारा बच्चों को देखभाल के लिए गोद लिया गया है।

पांच बच्चों को पोषण पुनर्वास केंद्र भेजा गया:-

सुपरवाइजर रजनी केरकेट्टा के द्वारा बताया गया कि पांच गंभीर कुपोषित बच्चों को पोषण पुनर्वास केंद्र भेजा गया था वापसी के बाद चार बच्चे मध्यम श्रेणी में आ गए हैं बच्चों का वजन बढ़ रहा है। विशेष पौष्टिक भोजन खिलाया जा रहा है।

जिले में कुपोषण के स्तर में कमी लाने, 0-5 वर्ष आयुवर्ग के बच्चों को कुपोषण से मुक्त कराने, जनभागीदारी को बढ़ावा देने और एनिमिया मुक्त अभियान को सफल बनाने सुपोषण चौपाल कार्यक्रम का आयोजन जिला स्तर पर किया जा रहा है। कुपोषण स्तर में कमी एवं बेहतर क्रियान्वयन के लिए ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण समिति का गठन किया गया है जो स्वास्थ्य जागरूकता में सुधार और स्वास्थ्य सेवाओं के लिए समुदाय की पहुंच, विशिष्ट स्थानीय जरूरतों को पूरा करने और समुदाय आधारित योजना और निगरानी के लिए एक तंत्र के रूप में कार्य करने का एक मंच है।

जो गंभीर कुपोषित बच्चों के लिए बना मददगार साबित हो रहा है। कुपोषण को दूर करने के अधिकारियों द्वारा अपने चिन्हाकित गांव में जाकर सरपंच, पंच, जनप्रतिनिधियों, पर्यवेक्षक, एएनएम, मितानिन एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की उपस्थित में सुपोषण चौपाल लगाकर बच्चों के पालकों को जागरूक किया जा रहा है। जिसमें सरपंच, पंच , स्थानीय प्रतिनिधि अपनी सहभागिता निभा रहे है।

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