रायपुर : एससी-एसटी एक्ट को लेकर सुप्रीम कोर्अ से हाल ही में जारी गाइड लाइन का पालन कराने और इस एक्ट का दुरुपयोग रोकने एडीजी आरके विज ने प्रदेश के सभी पुलिस अधीक्षकों को पत्र लिखा है। पत्र में सुप्रीम कोर्ट के गाइड लाइन का बेहतर परिपालन करने तथा एक्ट का उल्लंघन व दुरुपयोग रोकने कहा गया है। एडीजी आरके विजय द्वारा प्रदेश के सभी पुलिस अधीक्षकों को लिखे गए पत्र में स्पष्ट कहा गया है कि इस एक्ट का किसी भी तरह से दुरुपयोग न हो। पत्र में सुप्रीम कोर्ट के गाइड लाइन के अनुसार अत्याचार निवारण अधिनियम के मामले में अग्रिम जमानत स्वीकार करने पर कोई रोक नहीं है।
अगर प्रथम दृष्टया कोई मामला नहीं बरता है या जहां न्यायिक स्क्रूटनी पर शिकायत प्रथम दृष्टया झूठी पाई जाती है। अत्याचारण निवारण अधिनियम के तहत मामले में गिरफ्तारी के प्रावधानों के दुरुपयोग को देखते हुए एक लोक सेवक की गिरफ्तारी केवल नियुक्तकर्ता प्राधिकारी की लिखित अनुमति से और गैर सरकारी कर्मचारी की गिरफ्तारी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक की अनुमति के बाद हो सकती है।
स्वीकृति दिए जाने के कारणों का उल्लेख प्रत्येक मामले में किया जाना आवश्यक है। मजिस्टे्रट उक्त कारणों की स्क्रूटनी किए जाने के उपरांत आगामी अभिरक्षा का आदेश देगा। एक निर्दोष को झूठा फंसाने से बचाने के लिए प्रारंभिक जांच हो सकती है जो संबंधित उप पुलिस अधीक्षक के द्वारा यह पता लगाने के लिए कि आरोपों में अत्याचार निवारण अधिनियम का अपराध बनता है या नहीं और वह आरोप तुच्छ या उत्प्रेरित तो नहीं है।
इसके अलावा दिशा-निर्देश की कंडिका-2 और 3 का पालन नहीं किए जाने पर संबंधित दोषी अनुशासनात्मक कार्यवाही के साथ अवमानना कार्यवाही के लिए दायी होगा। पत्र में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन कराया जाना है तथा पालन प्रतिवेदन प्रस्तुत कर अवगत कराया जाना है। पर्यवेक्षण अधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि उक्त निर्देशों का पालन अधिनस्थों द्वारा किया जा रहा है।
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