जब संकट में थी मुंबई, मैदान पर उतरा ‘सुपरहीरो’ — सरफराज खान!

वानखेड़े स्टेडियम में सूरज जैसे चमकते स्कोरबोर्ड के सामने जब मुंबई की टीम लड़खड़ाने लगी, तो उम्मीद की रेखा धुंधली सी लगने लगी थी। उत्तर प्रदेश ने पहली पारी में 625 रनों का पहाड़ खड़ा कर दिया था — और जवाब में मुंबई 128 पर 4 विकेट गंवा चुकी थी। दर्शकों की आंखों में मायूसी थी, लेकिन तभी मैदान पर उतरे सरफराज खान… और कहानी बदल गई।
ना सिर्फ पारी, सरफराज ने पूरा मैच बदल दिया
सरफराज की बल्लेबाजी उस दिन सिर्फ रन नहीं थी — वह जज़्बा था, जुनून था, और मुंबई क्रिकेट की गरिमा की रक्षा करने का संकल्प भी। उन्होंने गेंदबाजों को ऐसी सजा दी कि मैदान पर चौके-छक्कों की बारिश होने लगी। 301 रन, नाबाद, सिर्फ 301 गेंदों में! 30 चौके और 8 गगनचुंबी छक्के — हर शॉट में आत्मविश्वास, हर रन में लय।
धीरे चले, फिर तूफान बन गए
शुरुआत में सरफराज ने खुद को संभाला। विकेट गिर रहे थे, दबाव बढ़ रहा था। लेकिन जैसे-जैसे उन्होंने पैर जमाए, वैसे-वैसे उनके बल्ले से आग बरसने लगी। स्ट्रेट ड्राइव से लेकर पुल शॉट तक — हर स्ट्रोक में क्लास और आक्रामकता का बेहतरीन संतुलन देखने को मिला।
साझेदारियों से बनी मज़बूती की दीवार
सरफराज अकेले नहीं लड़े। उन्होंने आदित्य तारे (83 रन) के साथ एक मजबूत साझेदारी की नींव रखी। फिर शम्स मुलानी और टेलएंडर्स के साथ अहम रन जोड़े। हर छोटी साझेदारी ने टीम को उबारने में बड़ी भूमिका निभाई — और हर रन के साथ सरफराज का आत्मविश्वास आसमान छूने लगा।
करियर का पहला तिहरा शतक — और इतिहास रच गया
सरफराज खान की यह पारी सिर्फ एक क्रिकेट स्कोर नहीं थी — यह उनकी प्रतिबद्धता, प्रतिभा और पक्के इरादों की मिसाल थी। 301 रन नाबाद, और वह भी तब जब टीम लगभग हार के मुहाने पर खड़ी थी। यह रणजी ट्रॉफी के इतिहास की सबसे यादगार पारियों में से एक बन गई।
उत्तर प्रदेश की बड़ी पारी, लेकिन सरफराज की दीवार के आगे सब फीका
यूपी की ओर से उपेंद्र यादव (203 रन) और रिंकू सिंह (150 रन) की शानदार पारियों ने स्कोरबोर्ड पर विशाल स्कोर चढ़ा दिया था। गेंदबाजी में शम्स मुलानी ने मुंबई के लिए तीन विकेट लेकर कुछ राहत दी थी। लेकिन असली शो तो सरफराज का था।
मैच का सार:
उत्तर प्रदेश पहली पारी: 625 रन (उपेंद्र यादव 203, रिंकू सिंह 150)
मुंबई पहली पारी: 609/9 (सरफराज खान 301*, आदित्य तारे 83)
परिणाम: मैच ड्रॉ
प्लेयर ऑफ द मैच: सरफराज खान
नायक वही, जो मुश्किल में टीम को उबारे
इस मैच ने न सिर्फ एक खिलाड़ी की चमक दिखाई, बल्कि यह भी सिखाया कि संकट में कैसे धैर्य, आक्रामकता और आत्मविश्वास से मैच पलटा जा सकता है। सरफराज खान की यह पारी आने वाले वर्षों में घरेलू क्रिकेट के लिए प्रेरणा बनकर याद की जाएगी।