नईदिल्ली : सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को स्पीकर ने किया मंजूर

नई दिल्ली : लोकसभा में सरकार के खिलाफ कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्षी दलों के अविश्वास प्रस्ताव को लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने मंजूरी दे दी है। प्रश्नकाल खत्म होते ही विपक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव पेश किया। इस प्रस्ताव पर संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने कहा वह इसपर चर्चा के लिए तैयार हैं और स्पीकर ने विपक्ष के इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। हालांकि अभी चर्चा के लिए समय नहीं दिया गया है। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के खिलाफ यह पहला अविश्वास प्रस्ताव है।
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इससे पहले संसद के मॉनसून सत्र की शुरुआत भी अनुमान के मुताबिक हंगामेदार ही रही। लोकसभा की कार्यवाही शुरू होने के बाद विभिन्न दल अलग-अलग मामलों पर सदन में शोरगुल करने लगे। इस दौरान लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने प्रश्नकाल शुरू कर दिया। सदन में टीडीपी के सांसद आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर हमें न्याय चाहिए का शोर मचाने लगे। उधर, आरेजडी और सीपीएम देशभर मॉब लिंचिंग पर बहस को लेकर हंगामा करने लगे।
विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग
आरजेडी और सीपीएम सांसद प्रश्नकाल स्थगित कर मॉब लिंचिंग पर बहस की मांग कर रहे थे। हालांकि लोकसभा अध्यक्ष ने उनकी मांग को ठुकरा दिया। बता दें कि मॉनसून सत्र 18 जुलाई से 10 अगस्त तक चलेगा। सरकार ने सुचारू ढंग से सदन चलाने के लिए कोशिश भी शुरू कर दी है। तृणमूल कांग्रेस ने राज्यसभा में मॉब लिंचिंग पर बहस करने के लिए नोटिस दिया। आरजेडी ने मॉब लिंचिंग के मामले पर लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव दिया था।
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इससे पहले सदन की कार्यवाही शुरू होने का साथ ही पहले नए चुने सांसदों ने शपथ ली और फिर लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कुछ पूर्व दिवंगत सांसदों को श्रद्धांजलि दी। इस सत्र में सरकार 25 विधेयकों के पेश करने की तैयारी में है। तीन विधेयकों को वापस लेना है। 18 नए विधेयक सदन में पेश किए जाने वाले हैं। इसके अलावा राज्यसभा के डेप्युटी चेयरमैन का भी चुनाव होना है। सरकार और विपक्ष दोनों ही राज्यसभा के डेप्युटी चेयरमैन के चुनाव पर रणनीति बनाने में जुटी है।
इस सत्र में सरकार 25 विधेयकों के पेश करने की तैयारी में है
इस बीच, लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने मॉनसून सत्र की शुरुआत में सांसदों को खुशखबरी देते हुए बताया कि सदन में वाई-फाई की सुविधा शुरू कर दी गई है। सभी सदस्य रजिस्ट्रेशन के बाद इसका लाभ उठा सकेंगे। हालांकि सरकार का यह गिफ्ट विपक्षी सांसदों का दिल नहीं जीत सका और मॉब लिंचिंग के मुद्दे पर जमकर हंगामा हुआ।