
रायपुर, किन्नरों को अक्सर आपने घर या ट्रेन में तालियां बजाकर, पैसे मांगते हुए देखा होगा । उनकी मजबूरी भी है, क्योंकि किन्नरों के लिए अबतक समाज में स्वीकारिता नहीं आई थी । न ही उन्हें आम लोगों के जैसे रहने घूमने और रोजगार के मौके मिले थे । लिहाजा किन्नरों के सामने एकमात्र रास्ता यही बचता था । और उसी के जरिये वे अपनी जीविका चलाते रहे हैं । लेकिन अब ऐसा नहीं है । किन्नरों के लिए भी अब रोजगार और समानता के नए जरिये खुलने लगे हैं । ऐसा हम इसलिये कह रहे हैं, क्योंकि ट्रेनों में तालियां बजाकर पैसे मांगने वाले किन्नर अब आपकी सुरक्षा करने के लिए तैयार हैं । वे अब खाकी में नजर आने वाले हैं । वही खाकी जिसने न जाने कितनी बार उन्हें गालियां देकर भगाया होगा । लेकिन अब वक्त बदल रहा है ।
आरक्षक पद के लिए हुए 13 किन्नरों का चयन
दरअसल छत्तीसगढ़ पुलिस में 13 किन्नरों का चयन आरक्षक पद के लिए हुआ है । जिसमें रायपुर से दीपिका यादव, श्री साहू, निशु क्षत्रिय, शिवन्या पटेल, नैना सोरी, सोनिया जंघेल, कृषि तांडी के साथ ही सबुरी यादव शामिल हैं । वहीं बिलासपुर से सुनील एवं रुचि यादव, धमतरी जिले से कोमल साहू, अंबिकापुर से अक्षरा, राजनांदगांव जिले से कामता, नेहा एवं डोली का चयन हुआ है ।
किन्नर समाज में उत्साह की लहर
छत्तीसगढ़ पुलिस में इनके चयन के साथ ही किन्नर समाज में उत्साह की लहर हैं । उन्हें लगता है कि अब उनका वक्त बदलने वाला है, और वे भी अब समाज में सिर उठाकर जी सकेंगे । किन्नर समाज के लिए की गई इस पहल के बारे में आप क्या सोचते हैं अपने राय जरूर रखें ।