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चोर की पसंद निकली खास – सिर्फ अंडरगारमेंट्स पर था विश्वास!

रायपुर। एक ऐसी घटना जिसने न सिर्फ लोगों को चौंका दिया, बल्कि सोचने पर भी मजबूर कर दिया — क्या चोरी भी मानसिक विकृति का संकेत हो सकता है? छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले से सामने आई ये खबर हैरान करने के साथ-साथ चिंता में डालने वाली भी है। महंगे गहने, नकदी या गैजेट्स नहीं… यह चोर सिर्फ महिलाओं के अंडर गारमेंट्स चुराता था — और वह भी लगातार दो साल तक!

मामला सरगुजा जिले के कमलेश्वरपुर थाना क्षेत्र का है, जहां वेदांत स्किल डेवलपमेंट सेंटर में लड़कियों को सिलाई-कढ़ाई की ट्रेनिंग दी जाती है। यहां हर तीन महीने में 45-50 युवतियां प्रशिक्षण के लिए आती हैं। लेकिन पिछले दो सालों से यहां एक अजीबोगरीब समस्या चल रही थी — हर बैच की लड़कियों के अंडर गारमेंट्स रहस्यमयी तरीके से गायब हो जाते थे।

📹 कैमरा लगते ही खुली पोल.

महिलाओं की लगातार शिकायतों के बाद सेंटर में CCTV कैमरे लगाए गए। और फिर जो सामने आया, उसने सभी को चौंका दिया — एक व्यक्ति कैमरे में महिलाओं के अंडर गारमेंट्स चुराते हुए कैद हो गया। इस सबूत के बाद सेंटर की ट्रेनर ने थाने में शिकायत दर्ज करवाई। पुलिस ने आरोपी की पहचान कर ली है, और जल्द ही उसकी गिरफ्तारी की बात कही है। ये सिर्फ चोरी नहीं… एक मानसिक बीमारी भी!.

विशेषज्ञों के अनुसार, इस प्रकार की घटनाएं केवल “चोरी” के दायरे में नहीं आतीं। यह ‘फेटिशिज्म’ (fetishism) या ‘क्लेप्टोफीलिया’ (kleptophilia) नामक मानसिक विकार का संकेत हो सकता है, जिसमें व्यक्ति को किसी विशेष वस्तु से असामान्य आकर्षण या जुनून हो जाता है। यह अक्सर बचपन की मनोवैज्ञानिक स्थितियों, कुंठाओं या यौन विकृतियों से जुड़ा होता है।

बताया जा रहा है कि लड़कियों के कपड़े लंबे वक्त से चोरी हो रहे थे, और इस तरह चोरी होना न सिर्फ शर्मनाक है, बल्कि असुरक्षा का भाव भी पैदा करता है।

समाज के लिए चेतावनी

ये घटना सिर्फ एक सेंटर की नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए चेतावनी है कि हमें मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों को भी गंभीरता से लेना होगा। इस प्रकार के अपराध कानूनी सज़ा के साथ-साथ मनोचिकित्सकीय हस्तक्षेप की भी मांग करते हैं।

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