
रायपुर। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक बार फिर प्रदेश सरकार पर हमला बोला है। शराब घोटाले के मामले में रायपुर सेंट्रल जेल में बंद पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा और कारोबारी विजय भाटिया से मुलाकात के बाद बघेल ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाए।
उन्होंने कहा कि कवासी लखमा हार्ट पेशेंट हैं, जबकि विजय भाटिया को नियमित रूप से एल्बुमिन चढ़ाया जाता है, फिर भी दोनों को जरूरी इलाज नहीं मिल रहा। भूपेश का आरोप है कि कोर्ट के आदेश के बावजूद इलाज में लापरवाही बरती जा रही है और इसे “व्यक्तिगत दुश्मनी” का रूप दे दिया गया है।
“पुलिस बल की कमी का हवाला देकर लखमा को अस्पताल नहीं ले जाना, कोर्ट के आदेश की अवहेलना है। ये सरकार की बदले की भावना को दर्शाता है।” — भूपेश बघेल
भूपेश बघेल ने साफ शब्दों में कहा कि गिरफ्तारी एजेंसियों ने की है, अब मामला कोर्ट में है। लेकिन जेल में सुविधाएं न देना अमानवीय है। उन्होंने चेताया,
“समय बदलते देर नहीं लगती। सत्ता में बैठे लोग ये न भूलें कि कानून का राज सबसे ऊपर है। बंदियों के साथ इस तरह का व्यवहार गलत मिसाल है।”
पूर्व मुख्यमंत्री ने यह भी याद दिलाया कि जब पहले ईओडब्ल्यू (EOW) ने विजय भाटिया को गिरफ्तार किया था, तब उन्हें निजी अस्पताल में इलाज की सुविधा दी गई थी।
लेकिन अब, कोर्ट का आदेश होते हुए भी प्रशासन “पुलिस बल की कमी” का बहाना बना रहा है, जो उनकी नजर में पूरी तरह राजनीतिक दुर्भावना का संकेत है।
भूपेश बघेल के बयान ने छत्तीसगढ़ की राजनीति में एक बार फिर गर्मी ला दी है। सवाल यह उठ रहा है कि क्या स्वास्थ्य सुविधाएं भी अब सियासत की भेंट चढ़ रही हैं?