
विजय पचौरी , दंतेवाड़ा
- पिछले 60 वर्षों से दंतेवाड़ा जिले के किरंदुल- बचेली में संचालित एनएमडीसी खदानों के निजीकरण का विरोध शुरू हो गया है. यहां के ट्रेड यूनियन के अनुसार हाल ही में सर्वे किए गए डिपॉजिट नम्बर 13 को अडानी ग्रुप को दिए जाने एमओयू हुवा है जिसका भारी विरोध हो रहा है.
- यहां एनएमडीसी खदानों को संचालित करता है.इससे पूर्व भी नगरनार प्लांट का निजीकरण किए जाने का विरोध जनप्रतिनिधि और बस्तरवासियों ने किया था.
- एनएमडीसी की खदानों को उद्योगपति को दिए जाने को लेकर ट्रेड यूनियन के लोग सड़क पर उतरने को तैयार हैं.बचेली ट्रेड यूनियंस के अध्यक्ष राजेश संधू का कहना है कि केंद्र सरकार अपने चहेते उद्योगपति पतियों को प्राकृतिक संसाधनों को बेच रही हैं
- एनएमडीसी कम कीमतों पर आसपास के प्रांतों को लोहा दे रही है वहीं अडानी ग्रुप इसेसे अधिक कीमत पर बेचागा जिसका फायदा स्थानीय लोगों को नहीं होने वाला साथ ही सीएसआर मद और डिस्ट्रिक्ट मिनरल फण्ड में भी कोई इजाफा नहीं होने वाला.ट्रेड यूनियंस का कहना है कि अगर यह फैसला वापस नहीं लिया गया तो उग्र आंदोलन करेंगे अडानी ग्रुप को खदान दिए जाने को लेकर काली पट्टी लगाकर वह प्रतिदिन काम करेंगे आचार संहिता के हटते ही मामले को लेकर आंदोलन उग्र किया जाएगा.