
धमतरी . नगरी से 30 किमी दूर रतावा गांव में वन विभाग की टीम ने छापा मारकर ग्रामीण के घर से कई जंगली जानवर बरामद किए। इनमें हिरण के 2 बच्चे कोटरी, 2 सियार, 2 अजगर और 6 तोते हैं। हंसराज देव नामक इस व्यक्ति ने अपने बाड़े में बड़े-बड़े पिंजरे बनवाकर इन्हें रखा था। पूछताछ में हंसराज ने दावा किया कि वह निजी चिड़ियाघर संचालित करता है।
उसने वन्य जीव संरक्षण एवं पर्यावरण सुरक्षा समिति ग्राम रतावा के नाम से संचालित चिड़ियाघर के दस्तावेज भी दिखाए। साथ ही बीमार पशुओं के इलाज की भी बात कही। वन िवभाग की टीम ने पूछताछ के बाद उसे छोड़ दिया है। कुछ दस्तावेज जब्त किए गए हैं, जिसकी जांच चल रही है। जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। बिरगुडी रेंजर सोनेसिंह सोरी ने बताया कि 2 साल पहले भी उसके पास से बड़ी संख्या में वन्य प्राणी जब्त हुए थे।
पकड़ा गया तो ग्रामीण बोला- ये मेरा प्राइवेट चिड़ियाघर है
2 से 7 साल तक की हो सकती है सजा : वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम के तहत किसी भी वन्य प्राणी को कैद में रखने या उन्हें मार डालने पर दो से सात साल तक की सजा हो सकती है। वाइल्ड लाइफ एक्ट 1991 के अनुसार शेर, चीता, भालू, हिरण, कोटरी और सांप को शेड्यूल-1 में रखा गया है। यानी सबसे महत्वपूर्ण वन्य प्राणियों की सूची में इनका नाम है। ऐसे वन्य प्राणियों को कोई भी संस्था या व्यक्ति अपने कब्जे में नहीं रख सकता। ऐसा करते पकड़े जाने पर सीधे गिरफ्तार कर कोर्ट में केस फाइल करने का नियम है।
कोई नहीं बना सकता प्राइवेट जू : वन विभाग के विशेषज्ञों के अनुसार कोई भी प्राइवेट व्यक्ति या संस्था निजी जू नहीं बना सकता। राज्य सरकारों को भी सेंट्रल जू अथॉरिटी से जू खोलने की अनुमति लेनी पड़ती है। सेंट्रल जू अथॉरिटी ने कई कड़े नियम बनाए हैं। उन नियमों को पूरा करने के बाद ही सरकारों को जू खोलने की अनुमति दी जाती है।