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चीन को 5 किलोमीटर पीछे धकेला, गलवान घाटी से सैनिक भी कम किए

नईदिल्ली, पिछले कई दिनों से लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर भारत और चीन के बीच तनाव अब भी कायम है. इस बीच खबर आई है कि चीन ने गलवान घाटी से अपने सैनिकों को 2 किलोमीटर पीछे हटा लिया है.

इसके अलावा चीन ने अपने कैंप को पहले से भी कम कर दिया है. भले ही चीन ने गलवान घाटी पर अपने कदम पीछे खींच लिए हैं, लेकिन पेंगांग झील को लेकर दोनों एशियाई देशों के बीच अभी भी तनातनी कायम है.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ईस्टर्न लद्दाख में गलवान और हॉट स्प्रिंग में वास्तविक नियंत्रण रेखा के पार चीन के अतिक्रमण ने भारत को हैरान कर दिया. पंगोंग त्सो के विपरीत, इन क्षेत्रों में सरकार द्वारा अलग-अलग तंत्र के जरिए पहचाने जाने वाले 23 कंटेस्टेड एरिया में से कोई नहीं था. ऐसा इसलिए क्योंकि भारत ने पहली बार LAC के कॉन्सेप्ट को 1993 में स्वीकार किया था.

2000 में मिडिल सेक्टर के लिए मैप्स के एक्सचेंज और 2002 में वेस्टर्न सेक्टर के लिए मैप्स की तुलना के दौरान 1990 के दशक में भारत-चीन संयुक्त कार्य समूहों (JWG) की कई बैठकों में दोनों पक्षों के बीच बातचीत के दौरान इनमें से ज्यादातर क्षेत्रों की पहचान की गई थी.

वेस्टर्न सेक्टर के तहत लद्दाख में LAC पर 23 कंटेस्टेड एरिया में से 11 की पहचान की गई थी. इसके अलावा चार की पहचान मिडिल सेक्टर और 8 की ईस्टर्न सेक्टर के तहत की गई थी

हॉट स्प्रिंग शामिल ही नहीं हैं. रिपोर्ट के अनुसार, अधिकारियों का कहना है कि दोनों पक्षों ने गलवान और हॉट स्प्रिंग को बसे हुए क्षेत्रों के तौर पर लिया है, ऐसे में चीन के ये कार्रवाई थोड़ा हैरान करने वाली है.

अधिकारी ने यह भी कहा कि यह कभी भी एक कंटेस्टेड एरिया नहीं रहे हैं. हॉट स्प्रिंग सेक्टर एक ITBP सेक्टर रहा है. 2015 में जब चीनी लोगों को पीपी14 के पास एक ट्रैक बनाते हुए देखा गया, तो हमने जेसीबी का उपयोग कर उनके उपकरणों को जब्त कर लिया था. इसके बाद चीनी हमारे पास आए और उन्होंने स्वीकारा कि वो हमारी साइड पर थे, जिसके बाद हमने उनके उपकरणों को वापस कर दिया.

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