
रायपुर। छत्तीसगढ़ के दुर्गम अबूझमाड़ इलाके में 21 मई को हुई भीषण मुठभेड़ में मारे गए नक्सलियों में से 8 का अंतिम संस्कार नारायणपुर में किया गया। इनमें सबसे बड़ा नाम था बसवराजू का – नक्सल संगठन का महासचिव और 10 करोड़ का इनामी माओवादी। हैरानी की बात यह रही कि बसवराजू समेत सात शवों को लेकर किसी भी परिजन या संगठन की ओर से कानूनी दावा नहीं आया, जिससे पुलिस ने कार्यपालक मजिस्ट्रेट के आदेश पर इनका अंतिम संस्कार कर दिया।
एक महिला नक्सली हुंगी के शव का अंतिम संस्कार उसके परिजनों की मौजूदगी में नारायणपुर में ही किया गया। शव सड़ने लगा था, जिससे संक्रामक बीमारी फैलने का खतरा था। परिजनों की सहमति और प्रशासन के आदेश पर यह निर्णय लिया गया।
बसवराजू का भाई बोला – शव लेने की थी इच्छा, जानकारी ही नहीं दी
बसवराजू के भाई प्रसाद ने दावा किया है कि वह शव को आंध्र प्रदेश स्थित उनके गांव ले जाना चाहता था, लेकिन पुलिस ने सहयोग नहीं किया। उनका कहना है कि उन्हें 26 मई की रात 10 बजे तक यह भी जानकारी नहीं थी कि शव का अंतिम संस्कार हो चुका है।
अब तक 20 शव परिजनों को सौंपे जा चुके
मुठभेड़ के बाद कुल 27 शव बरामद किए गए थे। इनमें से 20 नक्सलियों के शवों को 19 से 26 मई के बीच उनके परिजनों को सौंपा गया। बाकी 7 शवों का स्थानीय प्रशासन ने अंतिम संस्कार कराया।
बरामद हुए हथियार – पुरानी मुठभेड़ों की लूट भी रिकवर
पुलिस अधीक्षक प्रभात कुमार ने बताया कि मुठभेड़ स्थल से नक्सलियों के पास से भारी मात्रा में हथियार बरामद हुए हैं, जिनमें 3 AK-47, 4 SLR, 6 इंसास राइफल, रॉकेट लॉन्चर, BGL लॉन्चर और अन्य हथियार शामिल हैं।
इनमें चार हथियार वे हैं, जो 2010 के ताड़मेटला और 2017 के बुरकापाल हमलों के दौरान जवानों से लूटे गए थे।