लाइफस्टाइल

छोटी-छोटी आदतें बदलते मौसम में फिट बनाए रखेंगी

सर्दी के मौसम में हमारी पाचन क्षमता प्राकृतिक तौर पर अच्छी रहती है और इसी वजह से इस ऋतु में विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थ खाने का प्रचलन रहा है, जो शरीर को आवश्यक पोषण देने के साथ-साथ ऊर्जा व गर्माहट भी देते हैं। जीवा आयुर्वेदा के डॉ. प्रताप चौहान का कहना है कि सर्दी में फिट रहने के लिए हमें उपयोगी हेल्दी फूड का इस्तेमाल करना चाहिए।
सर्दी में बड़े काम की हैं ये आदतें
सर्दी में डिहाइड्रेशन से बचाव के लिए नियमित अंतराल पर पानी पीने की आदत बनाए रखें।
इस मौसम में सामान्य पानी के अतिरिक्त अजवायन, सौंफ, अदरक व तुलसी मिलाकर गर्म किया हुआ पानी लेने से पाचन, दर्द, सर्दी जुकाम जैसी परेशानी में काफी लाभ मिलता है।
आयुर्वेदिक चाय, ग्रीन टी, सूप और गुनगुना दूध पीना भी फायदेमंद है। दोपहर के भोजन में ताजा छाछ लेना चाहिए।
नारियल पानी का सेवन करना चाहिए। सेब, अनार, मौसमी, संतरा, अंगूर जैसे रसीले फलों का सेवन करना चाहिए।
खीरा, टमाटर, गाजर, नींबू इत्यादि का सेवन करना चाहिए।
कैफीन युक्त पेय व अल्कोहल का सेवन नहीं करना चाहिए।
खाएं हेल्दी फूड
काले तिल: इनमें प्राकृतिक पोषक तत्वों जैसे वसा, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, खनिज पदार्थों का मिश्रण मौजूद होता है, जिसे इस मौसम में कई प्रकार से उपयोग किया जा सकता है।
हरे चने: ताजा हरे चनों को अंकुरित कर व टमाटर, अदरक, नींबू के रस, सेंधा नमक व काली मिर्च मिलाकर नाश्ते में लिया जा सकता है।
आमा (कच्ची) हल्दी: ऐंटिबायॉटिक, ऐंटिसेप्टिक व दर्द-सूजन में राहत देने के साथ ही सर्दी के रोगों में भी उपयोगी है।
आंवला व अन्य खट्टे फल : विटामिन सी व अन्य खनिज लवणों से समृद्ध आंवला, नींबू, संतरा, अनार, अंगूर आदि शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं।
ड्राई फ्रूट्स : बादाम, अखरोट, अंजीर, मुनक्का, किशमिश, काजू इत्यादि मेवे शरीर के साथ दिमाग को भी उचित पोषण देते हैं।
विकल्प और भी हैं : सर्दी में स्वस्थ रहने के लिए विभिन्न दालों, हरी पत्ती वाली सब्जियों, मूली, गाजर, गोभी, चुकंदर, शकरकंद, लहसुन, मेथी, मिक्स वेज सूप, गुड़, ताजा छाछ, बाजरा, दूध व इससे बने उत्पादों का पाचन के अनुसार सेवन किया जाना लाभदायक है।
सर्दी में ठंडी हवा व तापमान में अत्यधिक कमी के कारण व्यक्ति अक्सर गर्म, तीखा, भारी, तला हुआ-मसालेदार भोजन अधिक मात्रा में लेने लगते हैं। ठंड के प्रभाव के चलते पानी की मात्रा काफी कम कर देते हैं। जिससे इस मौसम में भी शरीर में पानी की मात्रा सामान्य से कम हो जाती है। इससे डिहाइड्रेशन से संबंधित कई लक्षण व विकार जैसे असिडिटी, थकान, कब्ज, जोड़ों में दर्द, सिर दर्द, कमर दर्द, गैस, त्वचा, बाल व आंखों में खुश्की बढ़ जाना, अनियमित रक्तचाप, पेशाब से संबंधी परेशानियां हो सकती हैं।
 

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