रायगढ़ विस सीट में भाजपा और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर, बढ़ सकती हैं दोनों की मुश्किलें

विधानसभा चुनाव की तारीख जैसे-जैसे करीब आ रही है रायगढ़ विधानसभा सीट में सियासी पारा गर्म होने लगा है। इस विधानसभा सीट में भाजपा और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर है। ऐसा इसलिए क्योंकि इस सीट पर कई ऐसे चेहरे हैं जो वोटों का समीकरण बिगाड़ने वाले हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि पहली बार इस विधानसभा सीट में रिकॉर्ड तोड़ 23 प्रत्याशी चुनावी मैदान में उतरे हैं। भाजपा और कांग्रेस के अलावा जनता कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और निर्दलीय प्रत्याशियों के रूप में भी बड़े चेहरे हैं। ऐसे में वोटों का विभाजन होना तय है जिसका सीधा-सीधा नुकसान भाजपा और कांग्रेस को होगा। इस सीट पर जहां कांग्रेस ने प्रकाश नायक को चुनावी मैदान में उतारा है तो वहीं भाजपा से कद्दावर नेता ओपी चौधरी चुनावी मैदान में हैं।
इसके अलावा जनता कांग्रेस जोगी ने पूर्व महापौर और किन्नर मधु भाई को टिकट दी है। इधर आम आदमी पार्टी ने अग्रवाल समाज के कैंडिडेट गोपाल बापोडिया को चुनावी मैदान में उतारा है। अग्रवाल समाज से ही शंकर लाल अग्रवाल कांग्रेस से बगावत कर चुनावी मैदान में उतरे हैं, जबकि कोलता समाज की कैंडिडेट गोपिका गुप्ता बीजेपी से बगावत कर चुनावी समर में कूद पड़ी हैं।
रायगढ़ सीट पर अग्रवाल समाज के लगभग 22000 और कोलता समाज के 35000 वोटर हैं। इन दोनों समाज से निर्दलीय कैंडिडेट के चुनावी मैदान में उतरने के बाद वोटों का बंटवारा होना तय है। जानकारों का कहना है कि गोपिका गुप्ता कोलता समाज के अलावा भाजपा के वोटों का विभाजन करेगी, जबकि नीडल कैंडिडेट शंकर लाल अग्रवाल कांग्रेस का और आम आदमी पार्टी के गोपाल बापोडिया अग्रवाल समाज के वोट काटेंगे। किन्नर प्रत्याशी मधु बाई भले ही जीतने की स्थिति में ना हो लेकिन कहीं ना कहीं वह भी शहरी वोटों पर सेंध लगाएंगी। ऐसे में सीट पर दोनों पार्टियों को नुकसान होने वाला है।