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तिरुवनंतपुरम : बर्बादी की बाढ़ में बह गए 20 हजार करोड़

तिरुवनंतपुरम :  विनाशकारी बाढ़ के बाद केरल में बारिश से फिलहाल राहत है। राहत और बचाव कार्यों के साथ राज्य को वापस खड़ा करने की कोशिशें भी की जाने लगी हैं। हालांकि, यह बड़ी चुनौती साबित होने वाली है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के आंकड़ों के मुताबिक पिछले 87 साल के दौरान अगस्त के महीने में ऐसी मूसलाधार बारिश पहली बार हुई है। राज्य ने 100 साल में पहली बार ऐसी बाढ़ देखी है जिसका मंजर भूलना बिलकुल आसान नहीं होगा। बाढ़ का पानी निकलने के बाद राज्य में हुए नुकसान का आकलन करने से पता चलता है कि कितना बड़ा पहाड़ सामने खड़ा है। अंदाजा लगाया जा रहा है कि राज्य को करीब 20,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।

क्या-क्या हुआ तबाह

सबसे बड़ा नुकसान तो लोगों के रूप में ही हुआ है। करीब 223 लोगों की जान जा चुकी है और 10.78 लाख से भी अधिक लोग विस्थापित हो गए हैं। इन लोगों को 5,645 राहत शिविरों में रोका गया है। यही नहीं, 40,000 हेक्टेयर से भी अधिक की फसलों का नुकसान हो चुका है। 26,000 से भी अधिक मकान तहस-नहस हो गए हैं। इंसानों के साथ ही करीब 46,000 मवेशी और 2 लाख से अधिक पोल्ट्री (मुर्गी, आदि) का नुकसान हुआ है।

26,000 से भी अधिक मकान तहस-नहस हो गए

बाढ़ ने राज्य के इन्फ्रास्ट्रक्चर की कमर किस हद तक तोड़ दी है इसका पता इस बात चलता है कि लगभग एक लाख किलोमीटर सडक़ें तबाह हो चुकी हैं। इनमें 16,000 किलोमीटर लोक निर्माण विभाग की और 82,000 किलोमीटर स्थानीय सडक़ें शामिल हैं। साथ ही 134 पुल भी बुरी तरह ध्वस्त हैं।

कितने करोड़ बहे

अगर इस तबाही की कीमत लगाई जाए तो अब तक राज्य को कुल 19,512 करोड़ का नुकसान झेलना पड़ा है। औद्योगिक इकाई एसोचैम के मुताबिक यह नुकसान 20,000 हजार करोड़ का है। सबसे ज्यादा पर्यटन को हुआ है जो राज्य की जीडीपी में 1/10 योगदान देता है। पहले से ही निपास वायरस के कारण नुकसान झेल रहे पर्यटन पर बाढ़ की दोहरी मार पड़ी है। बताया जा रहा है कि करीब 80त्न बुकिंग कैंसल की जा चुकी हैं। साथ ही पर्यटन में काम आने वाले इन्फ्रास्ट्रक्चर भी बुरी तरह ढहा है। जानकारों की मानें तो इसे दोबारा खड़े होने में कई साल लग सकते हैं।

राज्य को कुल 19,512 करोड़ का नुकसान झेलना पड़ा

पर्यटन के अलावा चाय, कॉफी, इलायची और रबड़ के कारण खेती से भी राज्य का करीब 10त्न जीडीपी आता है। खेतों को हुए नुकसान से किसानों और राजस्व को बड़ी चोट खानी पड़ी है। भूस्खलन के कारण कृषि में हुए 600 करोड़ नुकसान में से चाय के बागानों को 150 से 200 करोड़ का नुकसान हुआ है। सडक़ों के टूटने से कराीब 13,000 करोड़ और पुलों के ढहने से 800 करोड़ रुपये का नुकसान अनुमानित है।

कितनी राशि की जरूरत

सदी की सबसे भयानक त्रासदी में हुए नुकसान से निपटने के लिए केरल को बड़ी आर्थिक सहायत की जरूरत पडऩे वाली है। इस साल राज्य के बजट में इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए 11,000 करोड़ रुपये तय किए गए थे। बाढ़ के बाद केंद्र सरकार ने 500 करोड़ रुपये की मदद दी है। माना जा रहा है कि लोगों के व्यक्तिगत बीमा से 500 करोड़ रुपये की मदद भी मिल सकती है। वहीं, कोच्चि एयरपोर्ट का भी 2,500 करोड़ का बीमा कवर है लेकिन क्लेम की राशि इससे कम बताई जा रही है।

इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए 11,000 करोड़ रुपये तय किए गए थे

इन सबके अलावा देश-दुनिया से मिल रहे डोनेशन से भी मदद मिलने की उम्मीद है। अभी तक पूरे नुकसान का अलग से आकलन नहीं किया गया है। चेन्नै में 2015 में (5000 करोड़ रुपये) और जम्मू-कश्मीर और उत्तराखंड में 2014 में (2000 करोड़ रुपये) आई बाढ़ में हुए नुकसान से विभीषिका का अंदाजा लगाया जा सकता है।
https://www.youtube.com/watch?v=DPUWdadn150

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