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नईदिल्ली : आप पर विपक्ष हमलावर, मांगा केजरीवाल का इस्तीफा

नई दिल्ली  : चुनाव आयोग द्वारा शुक्रवार को लाभ के पद के मामले में दिल्ली की सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) के 20 विधायकों को अयोग्य घोषित करने के बाद विपक्षी दल अरविंद केजरीवाल सरकार पर हमलावर हो गए हैं। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और कांग्रेस ने सीएम केजरीवाल से इस्तीफा मांगा है।
बीजेपी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केजरीवाल से नैतिक आधार पर इस्तीफा मांगा। बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा, जिस पार्टी ने अन्ना हजारे के साथ मिलकर भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन किया अब उससे ज्यादा भ्रष्ट कोई नहीं है। आप के 20 विधायक अयोग्य घोषित कर दिए गए हैं। यह चोर की दाढ़ी में तिनका वाली बात है। क्या उनके पास नैतिकता है कि वे सरकार में बने रहें? वैसे भी नैतिकता से केजरीवाल का दूर-दूर तक संबंध नहीं है। आप की सच्चाई जनता के सामने आ चुकी है।
पात्रा ने आप पर करारा हमला बोलते हुए कहा, इंडिया अगेंस्ट करप्शन से आई एम करप्शन आप ने छोटे काल में यह दूरी तय की है। क्या उनको सत्ता में बने रहने का हक है? बीजेपी नेता ने आरोप लगाया कि आप के 15 विधायकों पर केस चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन मामलों में आप के 12 विधायक कभी न कभी गिरफ्तार होंगे। दिल्ली की आप सरकार ने जनता की पीठ में छुरा भोंका है। उन्होंने कहा कि मार्च 2015 में केजरीवाल सरकार ने 21 विधायकों को संसदीय सचिव नियुक्त किए थे। सरकार ने इस मामले में संविधान को ताक पर रखा। केजरीवाल सरकार ने जून 2015 में एक कानून लाया जिसमें संसदीय सचिव पोस्ट को ऑफिस ऑफ प्रॉफिट पोस्ट से बाहर रखने की बात कही गई थी। हालांकि राष्ट्रपति ने इस कानून को मंजूर नहीं किया।
उधर, कांग्रेस ने भी चुनाव आयोग के फैसले के बाद आप सरकार पर करारा हमला बोला। कांग्रेस के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन ने कहा कि वह केजरीवाल सरकार से इस्तीफा मांगेगे। उन्होंने कहा, भ्रष्टाचार के कारण आप सरकार के आधे मंत्री पद से हटाए गए। ऑफिस ऑफ प्रॉफिट के कारण उनके 20 विधायकों की सदस्यता रद्द हो रही है। इससे बड़ा भ्रष्टाचार क्या होगा?
माकन ने कहा कि दिल्ली सरकार को सत्ता में बने रहे का कोई अधिकार नहीं है। इनते विधायक और मंत्री भ्रष्टाचार के मामले में फंसे हैं। पूरी दिल्ली में कांग्रेस आप सरकार के खिलाफ आंदोलन करेगी। उल्लेखनीय है कि चुनाव आयोग ने लाभ के पद मामले में दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) के 20 विधायकों की अयोग्य घोषित किया है। आयोग अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को भेजेगा। अब सबकी नजरें राष्ट्रपति पर हैं, जो इस मामले पर अंतिम मुहर लगाएंगे। वह अगर आयोग की अनुशंसा पर इन विधायकों को अयोग्य घोषित करने का आदेश जारी करते हैं, तो दिल्ली में इन सीटों पर दोबारा चुनाव की नौबत आ सकती है। हालांकि यह तय है कि 20 विधायकों की सदस्यता चले जाने की स्थिति में भी 67 सीटों के बंपर बहुमत के साथ सत्ता में आई केजरीवाल सरकार बची रहेगी।
 

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