महिला तस्करी के मामले रोकने के लिए राज्य महिला आयोग ने डीजीपी को एक पत्र लिखा है। आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने मंगलवार को प्रेस कांफ्रेंस में जानकारी दी कि आयोग की ओर से प्रदेश के सभी थानों में तीस साल तक की गुमशुदा महिलाओं और बच्चियों की व्यापक जांच करने के लिए कहा गया है। हर हफ्ते सभी जिलों से महिला तस्करी से जुड़ी रिपोर्ट आयोग तक पहुंचाने के लिए कहा है। दरअसल, राजनांदगांव के डोंगरगढ़ महिला मानव तस्करी संबंधीघटना पर आयोग ने खुद ही संज्ञान लेते हुए बारीकी सी जांच की है
किरणमयी नायक ने कहा कि नांदगांव की घटना बेहद संवेदनशील है
और अब तक प्रकरण में आए तथ्यों के अनुसार प्रथम दृष्टया प्रकरण केवल किसी एक महिला की मानव तस्करी का प्रतीत ना होकर एक संगठित समूह का कार्य प्रतीत होता है। इसमें राजनीतिक रूप से प्रभावशाली व्यक्तियों के भी शामिल होने के संकेत मिल रहे हैं। महिला आयोग अध्यक्ष के मुताबिक पुलिस की दी जानकारी के अनुसार इस अपराध पर 5 लोगों की गिरफ्तारी हुई है और 3 लोगों को गिरफ्तार करने एक टीम हरियाणा गया हुआ है। डोंगरगढ़ क्षेत्र से ही कुल 35 महिला लापता थी, जिनमें 24 मिल चुकी है तथा 11 अभी भी लापता है। मानपुर क्षेत्र में भी ऐसे प्रकरण है, तथा न केवल राजनांदगांव, बल्कि अन्य जिलों में भी महिलाओं के लापता होने के प्रकरण है। इतनी बड़ी संख्या में एक ही क्षेत्र से महिलाओं के लापता रहने की जानकारी से यह प्रतीत हो रहा है कि महिला मानव तस्करी के पीछे एक संगठित गिरोह काम कर रहा है तथा कुछ बड़े राजनीतिक हस्तियों का भी उनको संरक्षण प्राप्त है।