छींक आए तो उसे रोके नहीं, वरना हो सकती है ये जानलेवा बीमारी
क्या आपने कभी अपनी छींक को आते हुए रोका है? पब्लिक प्लेस पर जब मुझे छींक आती है तो मैं नाक बंद करके हल्की आवाज में छींकती हूं जिससे आस-पास मौजूद लोगों को मेरी छींक की आवाज न आने पाए. मैं ऐसा अभी से नहीं, बल्कि कई सालों से करती आ रही हूं. यकीन मानिए थोड़े समय पहले मैं ऐसे ही वेबसाइट पर आर्टिकल सर्च कर रही थी. मैंने क्या देखा कि एक व्यक्ति ने अपने छींक को रोका तो उसके साथ दुर्घटना हो गई.
मौजूद लोगों को मेरी छींक की आवाज न आने पाए
वो दुर्घटना यह थी कि जब उसे छींक आई तो उसने अपनी छींक की आवाज को दबाने के लिए नाक बंद की और मुंह पर हाथ रख लिया. मैंने जब यह पढ़ा तो मुझे झटका लगा और छींक को रोकने का क्या नुकसान होता है यह भी पता चला. 34 साल के ब्रिटिश व्यक्ति ने जब अपनी छींक को इस तरह रोका तो उसके गले में दर्द शुरू हो गया जिसके बाद न वो कुछ खा पा रहा था और न ही बोल पा रहा था.
झटका लगा और छींक को रोकने का क्या नुकसान होता है
जब इन्हें हॉस्पिटल लेकर जाया गया तो पता चला कि छींक रोकने की वजह से उन्होंने अपने गले में एक छेद कर लिया है जो कि उनके गले के पीछे की ओर है. उनकी यह परेशानी इतनी विशाल हो चुकी थी कि डॉक्टर्स को उन्हें एक हफ्ते तक हॉस्पिटल में ही रखना पड़ा. डॉक्टरों का कहना था कि व्यक्ति के गले में एक सूजन के साथ काफी दर्द हो रहा था, क्योंकि उन्होंने नाक बंद करके और मुंह पर हाथ रखकर छींक को रोका था.
छींक रोकने की वजह से उन्होंने अपने गले में एक छेद कर लिया है
डॉक्टरों की जांच करने के बाद उन्हें पता चला कि गले से नीचे रिबकेज में एक आवाज सुनाई दे रही थी. चेस्ट में मौजूद टिशू और मांसपेशियों में पानी के बुलबुले बन गए थे जिसके बाद डॉक्टर ने उन्हें आगाह करते हुए कहा कि छींक आने पर उसे रोकना नहीं चाहिए क्योंकि ऐसा हमारे शरीर के अंदरुनी फोर्स की वजह से होता है. इसलिए अगली बार आपको जब भी छींक आए तो उसको आवाज के साथ लें. हां, लोगों के सामने ऐसा करना आपके लिए काफी अजीब हो सकता है लेकिन क्या फर्क पड़ता है. थोड़े समय का संकोच आपको होने वाली कई परेशानियों से बचा सकता है.