छत्तीसगढ़रायपुर

कौन था खंखार नक्सली अक्की राजू ? जिसके स्मारक को जवानों गिरा दिया

रायपुर। दक्षिण बस्तर यानी दंतेवाडा, बीजापुर और सुकमा जिले के सरहदी इलाके में नक्सली नेता अक्की राजू ने दम तोडा था। अक्की राजू नक्सलियों के सेंट्रल कमेटी का मेंबर था। उसकी शादी नक्सली सिरीशा से हुई थी। दोनों का एक बेटा भी था मुन्ना उर्फ पृथ्वी, जो कि साल दो हजार अठारह में रामगुडा मुठभेड में मारा गया था।

हरगोपाल का जन्म साल 1958 में आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले के पलनाड क्षेत्र में हुआ था। उसके पिता स्कूल टीचर थे। हरगोपाल ने भी पोस्टग्रेजुएशन किया और फिर अपने पिता के साथ पढ़ाने लगा। इस बीच साल 1978 में बीस साल की उम्र में वह नक्सलियों के संपर्क में आया। इसके 4 साल बाद वह पूरी तरह से नक्सली संगठन में शामिल हो गया। इसके बाद नक्सली संगठन में अलग-अलग पद पर रहते हुए 4 साल तक दक्षिण तेलंगाना में नक्सलियों का नेतृत्व किया।

साल 2000 में अक्की राजू को आंध्र प्रदेश के लिए नक्सलियों ने राज्य सचिव चुना। फिर साल दो हजार चार में आंध्र प्रदेश सरकार ने अंतर पार्टी वार्ता के दौरान नक्सली प्रतिनिधि मंडल से वार्ता की। इसका नेतृत्व अक्की राजू ने किया था। वार्ता के दौरान सामाधान नहीं निकला और अक्की राजू को हिरासत में ले लिया गया। इसके बाद उसे केंद्रीय समिति ने दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया था।

वह कई सालों तक नक्सल संगठन में उच्च पदों पर रहा। उसकी किडनी की बीमारी के कारण वह लंबे समय से इलाज करवा रहा था। छत्तीसगढ़ सरकार ने अक्की राजू पर पचास लाख रुपये का इनाम रखा था। अक्की राजू ने दंतेवाडा, बीजापुर और सुकमा के सीमांत इलाकों में नक्सलियों की गतिविधियों का नेतृत्व किया, लेकिन 3 साल पहले उसकी मौत हो गई। अब, नक्सली अपनी सबसे सुरक्षित इलाकों में भी कमजोर पड रहे हैं। पुलिस का कहना है कि नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई लगातार जारी रहेगी, ताकि इन खतरनाक गतिविधियों पर काबू पाया जा सके।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button