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गृह मंत्रालय ,बंगाल में कानून-व्यवस्था को लेकर आज शाम को बैठक, राज्य के मुख्य सचिव और DGP शामिल होंगे

सैन्य साहित्यिक उत्सव में रक्षा मंत्री ने कहा, “हमारे देश में राष्ट्रीयता की भावना से साहित्य लिखे जाने की पुरानी परंपरा रही है। हिंदी हो या पंजाबी या फिर गुजराती, अन्य लगभग सभी भाषाओं में ऐसे लेखन हुए हैं, जिन्होंने अपने समय में लोगों के अंदर स्वदेश प्रेम की भावना को जागृत और विकसित किया।”

राजनाथ सिंह ने कहा, “मिलिट्री लिटरेचर को आमजन से जोड़ने के पीछे, खुद मेरी गहरी रुचि रही है। मेरी बड़ी इच्छा है कि हमारी आने वाली पीढ़ियां, हमारे देश के इतिहास, खासकर सीमाऔं के विषय में इतिहास को जानें और समझें।”

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