जगदलपुर : नक्सल क्षेत्र में बन रही तीन गुणवत्ताहीन सडक़ों का काम निरस्त
जगदलपुर : संभाग के दक्षिण बस्तर स्थित सुकमा की सर्वाधिक नक्सल ग्र्रस्त क्षेत्रों में बन रही तीन सडक़ों को लोक निर्माण द्वारा गुणवत्ताहीन पाते हुए इनके ठेकों को निरस्त कर दिया है और अब पुन: निविदा बुलाने की प्रक्रिया की जा रही है। इन सडक़ों में इंजरम, भेज्जी, दोरनापाल, जगरगुंडा एवं एक सडक़ बीजापुर जिले की मोदकपाल से तारलागुड़ा जाने वाली सडक़ शामिल है।
उल्लेखनीय है कि ये सडक़ें नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सर्वाधिक महत्वपूर्ण स्थान रखती है। इनके निर्माण से क्षेत्र में नक्सली आंतक पर नियंत्रण सहित विकास की नई धारा बहाने में भी मदद मिल सकती है। इन्ही सडक़ों को निर्माण के लिए नक्सली बाधा पहुंचाते रहते हैं। लेकिन सबसे बड़ी बाधा भ्रष्टाचार के रूप में सामने आ रही है और इन सडक़ों का निर्माण गुणवत्ताहीन पाया गया है। इस संबंध में यह भी एक उल्लेखनीय तथ्य है कि पूर्व में इन सडक़ों के निर्माण में सुरक्षा प्रदान करने के लिए सीआरपीएफ के कुछ जवानों को अपने प्राणों के साथ हाथ धोना पड़ा था। जवानों का बलिदान सीआरपीएफ के लिए सबसे बड़ी मार थी । अब इन सडक़ों के गुणवत्ताहीन पाये जाने पर सीआरपीएफ ने स्पष्ट किया है कि वे अब पुन: सडक़ों के निर्माण के लिए सुरक्षा प्रदान नहीं करेंगें। वर्तमान में अभी जिला सुरक्षा बल और डीआरजी के जवानों द्वारा निर्माण कार्यो में सुरक्षा प्रदान की जा रही है। इन सडक़ों का निर्माण वर्तमान में एलडब्यूपी मंद से हो रहा है और सुकमा जिले को छोडक़र अन्य स्थानों में लक्ष्य के अनुसार कार्य हो रहा है। इन तीन सडक़ों का निर्माण पुन: ठेका हो जाने के बाद शुरू किया जायेगा। इस संबंध में यह भी स्मरणीय है कि सडक़ों के निर्माण के लिए सुकमा जिले में बहुत बड़ी बाधा बार-बार नक्सलियों के द्वारा पहुंचाई जा रही है। ऐसे में इन सडक़ों का निर्माण पूर्ण गुणवत्ता के साथ होना भी महत्वपूर्ण प्रमाणित है।