छत्तीसगढ़

तीन दिवसीय चक्रधर समारोह में रिकॉर्ड एक हजार से अधिक कलाकारों ने दी शानदार प्रस्तुतियां

रायपुर, 22 सितम्बर 2023

1695385171 6b73d3f673084f1bb20c
1695385181 7da7e74ea880a807104d
1695385190 c0e834fded3624105d6f
1695385199 af719cf011012d674a35
1695385210 97f04c5862018b645ed8
1695385227 76f387b5e490f4fbae99

चक्रधर समारोह के समापन समारोह में छत्तीसगढ़ सहित शहर के स्थानीय कलाकारों ने मनमोहक प्रस्तुति दी। इस बार का चक्रधर समारोह खास रहा। तीन दिन के आयोजन में रिकॉर्ड एक हजार से अधिक कलाकारों की प्रस्तुति दी। स्थानीय प्रतिभाओं, बाल कलाकारों के साथ राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति बटोर चुके कला दिग्गजों ने समारोह में शिरकत की। इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ के 60 कलाकारों के दल के अलग-अलग विधाओं में प्रस्तुतियां दी गई, जिसमें वादन, छत्तीसगढ़ के राज्य गीत अरपा पैरी के धार पर छात्र-छात्राओं ने खूबसूरत नृत्य के माध्यम से दर्शकों को सराबोर कर दी। नृत्य में संपूर्ण छत्तीसगढ़ की झलक दर्शकों को देखने की मिली।
           इसी प्रकार कार्यक्रम का विशेष केंद्र रहा श्लोक में रामश् जिसमें छत्तीसगढ़ के लोक गीतों एवं नृत्यों में श्रीराम को किन-किन रूपों में पूजे जाते है, उसे लोक संगीत विभाग के छात्र-छात्राओं और कलाकारों ने लोक में राम की राम के माध्यम से बखूबी प्रस्तुत किया। कुलपति इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय पद्मश्री ममता चंद्राकर के मार्गदर्शन में जिसमें मोनिका साहू, भारती जंघेल, कविता कुंभकार, झरना देवहारी, निशा ठाकुर, लक्ष्मी सिन्हा, प्रमोद साहू, राजू यादव, चंद्र प्रकाश साहू, तारन निषाद, रिंकू वर्मा, जीनू राम वर्मा, इसी प्रकार संगत का आदमी में डॉ.बिहारी ताराम ने बांसुरी में, हारमोनियम में डॉ.नत्थू तोड़े, तबला में जानेश्वर टांडिया, ढोलक में आशीष कुमार यादव, आर्गन में लक्ष्मीकांत साहू, मांदर में वेद प्रकाश रावते तथा बैंजो में नोहर साहू रहे। संयोजन एवं निर्देशन डॉ.योगेंद्र चौबे ने किया था।

1695385261 9d10da3f35ee2fb6358c1695385271 1debf5a630083a25af8d
         रायगढ़ घराना की तब्बू परबीन की ग्रुप ने कथक नृत्य की शानदार प्रस्तुति दी, जिसमें नन्ही  बच्चियों नृत्य में दर्शकों के बीच विशेष केंद्र में रही और दर्शकों को बांधे रखा। आशना दिल्लीवार के कथक नृत्य की सुंदर प्रस्तुति ने दर्शकों को ताली बजाने से अपने आप को रोक नहीं पाए। इबरार अहमद एवं संजय चौहान रायगढ़ ने छत्तीसगढ़ी भजन/लोकगायन से समारोह के मंच में झूमने को मजबूर कर दिया। सुहानी स्वर्णकार सारंगढ़ द्वारा कथक नृत्य तो डॉ.गौरव कुमार पाठक बिलासपुर द्वारा शास्त्रीय गायन से दर्शकों को बंधे रखा। युवराज सिंह आजाद एवं ग्रुप रायगढ़ द्वारा इप्टा नाटक की शानदार प्रस्तुति दी। अन्विका विश्वकर्मा में शिवतांडव एवं कृष्ण लीला  पर तबले थाप और संगीत पर मनमोहक प्रस्तुति दी। चक्रधर समारोह में अनिल तांडी एवं ग्रुप भिलाई द्वारा भरत नाट्यम की मनमोहक प्रस्तुति ने मंत्र मुग्ध कर दिया। उन्होंने अपने शिष्यों के साथ सरस्वती श्लोक, जति-स्वरम तथा देवी कीरतनम में भरतनाट्यम नृत्य प्रस्तुति दी। अनिल तांडी ने भरतनाट्यम की पारंपरिक शिक्षा इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ से ली है।
         मनोज तिवारी ने जस जागरण लोक संस्कृति रायगढ़ ने राम जी की सेना, राम जी की सेना चली..हर हर महादेव का जोश पूर्ण प्रस्तुति दी। शार्वी सिंह परिहार द्वारा अपने मनमोहक कथक नृत्य से दर्शकों को बांधे रखा। 10 वर्ष की पर्ल मोटवानी ने राग जैजैवंती में बड़ा ख्याल, छोटा ख्याल एवं तराना में जप रसना, हरि नाम सुमरले, अब लौ ना आए मोरे सांवरिया की शानदार शास्त्रीय गायन की मनमोहक प्रस्तुति दी। तबला संगत में गुरु उग्रसेन पटेल रहे। धरित्री सिंह चौहान पुसौर ने कथक नृत्य की प्रस्तुति दी। इसके साथ ही पंड़त पर गुरु प्रीति रुद्र वैष्णव, तबले में देवेश कंवर, हरमोनियम में लाला राम लूनिया रहे। शेखर गिरी एवं ग्रुप द्वारा पंथी नृत्य पर जोरदार प्रस्तुति दी। ग्रुप ने देश के विभिन्न राज्यों के मंच में प्रस्तुति दे चुके हैं। इसके साथ विभिन्न अवार्ड तथा पुरुस्कारों से सम्मानित हो चुके है। विवेकानंद पुरस्कार इंटरनेशनल करेजियस 2020 अवार्ड एवं अन्य की पुरस्कारों से सम्मानित है वाल्मीकि अवार्ड भारतीय दलित साहित्य अकादमी से पुरस्कृत ग्रुप ने तोरे भरोसा म नैय्या लग रेव बीच भंवर मा.. में शानदार नृत्य की प्रस्तुति दी।

1695385291 425e1dc2ebc0f1da2fee1695385300 e623124546e24d275972
ललित यादव ने सुगम संगीत भजन की प्रस्तुति दी। उनके साथ गायक ललित यादव रायगढ़, कन्हैया पटेल,  हारमोनियम में नारायण चंद्रा संगीत महाविद्यालय, आर्गन में रमेश साहू, वाईडींग में  भुनेश्वर मराई रहे। डॉ.दीपिका सरकार एवं ग्रुप द्वारा भरत नाट्यम के माध्यम से अपनी घुंघरू की खनक राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बिखेर चुकी है। उन्होंने गणेश वंदना से अपनी प्रस्तुति प्रारंभ की। हरे कृष्ण तिवारी सारंगढ़ ने अपने बांसुरी वादन से मंच को सुरुली स्वर से गुंजायमान किया। इनके साथ संगत तबला में अजीत हरिप्रिय, सारंगढ़ तबला विशारद, स्वर मंडल में ऋषि केश प्रधान रहे। शार्वी केशरवानी ने गुरु तोषी गुप्ता के निर्देशन में राग हंसध्वनि तराना में कथक की प्रस्तुति दी।

1695385311 6521f05c10f1fc0954d61695385320 394591c17e739b62e795
जसगान एवं लोक गायन से बही भक्ति धारा
    विजय शर्मा ने जसगान एवं लोक गायन के साथ मनमोहक नृत्य की प्रस्तुति दी। चंद्रा सैनी मैया तोरे जस गाओ ओ..माता जस गीत, कोरी कोरी नारियल चढ़े, ओ दाई मोर लाली लाली चुनरी ओढ़े.. चौईत के महिना दाई आबे मंझनी,  बोरे बासी संग म खवाहू तोला ओ पाताल चटनी…जैसे गीतों की झड़ी से दर्शक भक्ति भाव से विभोर हो गए। गीतिका वैष्णव ने महिषासुर मर्दिनी पर ओज पूर्ण प्रस्तुति दी। गायन में गीतिका वैष्णव, संतोष शर्मा, शौर्य आचार्य तथा वादन में ओमप्रकाश महंत, बालमुकुंद वैष्णव, पैड में रामसागर साह रहे। अनंता पाण्डेय ने जय देव जय देव गणपति.., नमो नमो नमास्तुते के गीत पर कथक नृत्य की मनमोहक प्रस्तुति दी।

छत्तीसगढ़ी लोकगीत में झूमे श्रोता, तालियों की गडग़ड़ाहट से गूंजा ऑडिटोरियम
विजय सिंह ग्रुप के छत्तीसगढ़ी लोक गीत की प्रस्तुति से ऑडिटोरियम में बैठे श्रोतागण झूृम उठे। उन्होंने आगे हरेली तिहार, करमा कुहकी गाबो मांदर के ताल मा.. गौरा-गौरी, गोहर गोहर, गौरा गौरी की प्रस्तुति दी। साथ ही उन्होंने दुर्गा जस गीत एवं होली के उत्सव पर गाये जाने वाले फाग गीत पर गायन एवं नृत्य से दर्शकों का मनोरंजन किया।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Back to top button