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नई दिल्ली : भारत वल्र्ड कप खेले तो ये होगी सबसे ताकतवर प्लेइंग-एक्सआई

नई दिल्ली : भारत के 11 शीर्ष फुटबॉलरों को चुनना कोई आसान काम नहीं है। भारतीय फुटबॉल में बहुत से दिग्गज खिलाड़ी रहे हैं। ऐसे में किसे टीम में रखें और किस खिलाड़ी को छोड़ें ,यह आप नहीं जानते। मैं उन्हीं खिलाडिय़ों को चुनूंगा जिन्हें मैंने उनके करियर के शीर्ष पर देखा है। मैं पीटर थंगराज को टीम में जरूर रखूंगा। मैंने गोलकीपर के तौर पर बहुत खिलाडिय़ों को देखा जैसे- सनत शेट, एसएस नारायणन, भास्कर गांगुली, तरुण बोस। यह लिस्ट लंबी है लेकिन जब बात भारतीय गोल का बचाव करने की है तो आप थंगराज से बेहतर गोलकीपर नहीं सोच सकते। जब वह अपने हाथ गेंद को थामने के लिए फैलाते थे तो बिलकुल आसमान में उड़ती चील की तरह नजर आते थे।

भारत के 11 शीर्ष फुटबॉलरों को चुनना कोई आसान काम नहीं है

राइटबैक सुधीर कर्मकार भारत के दिग्गज हैं और 1970 एशियन गेम्स में फीफा अधिकारियों को अपनी आंखों पर यकीन नहीं हुआ था कि कैसे सुधीर जैसा शानदार और काबिल फुटबॉलर भारत में खेल रहा है। अरुण घोष और जरनैल सिंह तो जैसे भारत के सेंट्रल डिफेंसिव जोड़ी के रूप में ही बने हैं। अरुण तकनीकी तौर पर बेहतर हैं तो जरनैल क्लियर और कवरिंग। लेफ्ट-बैक पर एसके अजीजुद्दीन से बेहतर कोई नजर नहीं आता।सेंट्रल मिडफील्ड के लिए यूसुफ खान और तुलसीदास बलराम मेरी पसंद होंगे। सुदीप चटर्जी के बजाय यूसुफ को चुनना मेरे लिए एक बड़ा मुश्किल फैसला रहा लेकिन यूसुफ कंप्लीट फुटबॉलर हैं।

सुधीर जैसा काबिल फुटबॉलर भारत में खेल रहा है

कई लोग कहते हैं कि बलराम अटैकिंग खेलते हैं लेकिन मेरी नजर में वह भी एक कंप्लीट फुटबॉलर हैं। वह डिफेंड और अटैक, दोनों कर सकते हैं। मैं राइट विंग पर पीके बनर्जी और चुनी गोस्वामी को चुनूंगा जिसके लिए मुझे किसी तरह का स्पष्टीकरण की जरूरत महसूस नहीं होती।सुनील छेत्री इसके बाद मौजूदा दौर में सुनील छेत्री ही मेरी टीम में जगह बनाने वाले एकमात्र फुटबॉलर हैं। लेफ्ट विंग पर उनसे बेहतर मुझे कोई नजर नहीं आता।

डिफेंड और अटैक, दोनों कर सकते हैं

पिछले 30-35 साल में जितने भी भारतीय फुटबॉलर मैंने देखे, उनमें सुनील बेस्ट हैं। 32 साल की उम्र में आप सुनील और किसी अन्य विदेशी खिलाड़ी में किसी तरह का अंतर बता सकते हैं?आईएम विजयन तो भारत की किसी भी प्लेइंग-ङ्गढ्ढ में जगह बना सकते हैं, मैंने अपनी लाइन-अप में उन्हें स्ट्राइकर के तौर पर जगह दी थी लेकिन बाद में इंदर सिंह को शामिल किया। यह एक उम्दा टीम बन सकती है। जिस टीम का अंदाज संयमित है, क्रिएटिव है और 5 प्लेयर्स ऐसे हैं जो गोल कर सकते हैं और टीम को जीत दिला सकते हैं।

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