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नई दिल्ली : टिक टॉक को अब कोई नहीं कर पाएगा डाउनलोड

नई दिल्ली : वीडियो एप टिक टॉक ऐप को गूगल ने इंडिया में ब्लॉक कर दिया है। यानी अब कोई भी गूगल प्लेस्टोर से टिक टॉक ऐप डाउनलोड नहीं कर पाएंगे। सोमवार को तमिलनाडु की उच्चतम न्यायालय ने को मद्रास उच्च न्यायालय के टिकटॉक एप पर प्रतिबंध लगाने के आदेश पर रोक लगाने से इंकार कर दिया। इसके बाद गूगल ने प्लेस्टोर से टिक टॉक को हटा दिया है। मद्रास उच्च न्यायालय ने अश्लील सामग्री तक पहुंच होने की चिंताओं के चलते केंद्र सरकार को इस एप पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया था।

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चाइनीज कंपनी बाइटडांस के बनाए ऐप में यूजर्स अपने छोटे-छोटे वीडियो बनाने के साथ उन्हें शेयर भी कर सकते है। भारत में भी यह काफी लोकप्रिय हो गया है। ऐप के जरिए बॉलीवुड के डायलॉग, जोक्स, गानों पर यूजर्स वीडियो बनाते हैं। इतना ही नहीं इसमें लिप-सिंक से लेकर लोकप्रिय गानों और म्यूजिक पर डांस भी करते हैं।

 

Tik Tok min

फरवरी में तमिलनाडु के आईटी मंत्री एम मणिकंदन ने कहा था कि ऐप पर कुछ कंटेंट काफी श्असहनीयश् होता है। वहीं फरवरी में ही बीजेपी के आईटी सेल के चीफ अमित मालवीय ने कहा था कि पार्टी ने कुछ टिक टॉक वीडियो देखे और इस प्लेटफार्म को काफी क्रिएटिव बताया था।

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वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी इस मामले में टिकटॉक पर मालिकाना हक वाली कंपनी बाइट डांस की ओर से पेश हुए। उन्होंने कहा कि इस एप को एक अरब से भी ज्यादा बार डाउनलोड किया जा चुका है। मद्रास उच्च न्यायालय की मदुरै पीठ ने इस मामले में दूसरे पक्ष की अनुपस्थिति में एक तरफा फैसला सुनाया है। उन्होंने कहा कि अदालत ने इस संबंध में कोई नोटिस जारी नहीं किया और उनकी दलील सुने बिना ही आदेश जारी कर दिया। पीठ ने कहा कि यह मामला इस समय उच्च न्यायालय के विचाराधीन है और प्रतिबंध का आदेश मात्र एक अंतरिम आदेश है। पीठ ने कहा कि हम मामले को बंद नहीं कर रहे हैं। पहले उच्च अदालत को मामले पर विचार कर लेने दीजिए। हम इस पर अगली सुनवायी 22 अप्रैल को करेंगे। अमेरिका में टिक टॉक ऐप को लेकर काफी आलोचना हुई है। बीते साल इंडोनेशिया की सरकार ने 1,70,00 लोगों के अपील पर हस्ताक्षर करने के बाद टिक टॉक को बैन कर दिया। इंडोनेशिया की सरकार ने कहा कि टिक टॉक बच्चों के लिए ठीक नहीं है। हालांकि, बाद में बैन हटा दिया गया जब टिक टॉक के अधिकारियों ने आपत्तिजनक कंटेंट हटाने का वादा किया।
 

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