अब श्रीलंका भी जा रहा है चीन के पाले में ?

नईदिल्ली, नेपाल के बाद अब श्रीलंका भी एक बार फिर से चीन के पाले में जाता दिखाई दे रहा है. दरअसल श्रीलंका की राजपक्षे सरकार अंतरराष्ट्रीय क़र्ज़दाताओं से क़र्ज़ लेने की कोशिश कर रही है लेकिन उसे फिलहाल चीन से ही ज़्यादा उम्मीद दिख रही है.
अंग्रेज़ी अख़बार द हिन्दू ने दावा किया है कि श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से निजी तौर पर आग्रह किया था कि आर्थिक संकट तो देखते हुए वो श्रीलंका को क़र्ज़ चुकाने के लिए और मोहलत दें.
द हिन्दू के अनुसार राजपक्षे ने शनिवार को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष को क़र्ज़ से राहत देने का अनुरोध किया है. श्रीलंका के प्रधानमंत्री कार्यालय का कहना है कि श्रीलंका ने सभी क़र्ज़दाताओं से क़र्ज़ चुकाने के लिए मोहलत देने की अपील की है और इसमें भारत भी शामिल है.
96 करोड़ डॉलर का है भारतीय क़र्ज़
द हिन्दू की रिपोर्ट के अनुसार 96 करोड़ डॉलर के भारतीय क़र्ज़ की अदायगी को लेकर और मोहलत देने पर श्रीलंका और भारत में बात हो रही है. इसके अलावा श्रीलंका ने भारत से मुद्रा की अदला-बदली की सुविधा की भी मांग की है. भारत के विदेश मंत्रालय का कहना है कि श्रीलंका को वर्चुअल बैठक के लिए कहा गया है लेकिन अभी तारीख़ तय नहीं हो पाई है. श्रीलंका ने वर्चुअल बैठक को लेकर अभी कुछ भी नहीं कहा है.
श्रीलंका का विदेशी मुद्रा भंडार पहले से ही ख़ाली पड़ा है. श्रीलंका एक साथ कई मोर्चों पर आर्थिक समस्याओं से जूझ रहा है. द हिन्दू ने लिखा है कि पिछले साल ईस्टर पर आतंकवादी हमला और इसके बाद कोरोना वायरस की महामारी ने श्रीलंका के कारोबार की कमर तोड़ दी है.
चीन की ओर गया श्रीलंका
और जगह उम्मीद नहीं दिखने के बाद श्रीलंका की सरकार एक बार फिर से चीन की शरण में जा रही. श्रीलंका ने ऐसा ही 2014 में भी किया था. ऐसे में भारत के लिए यह पूरा मामला चिंता बढ़ाने वाला साबित हो सकता है.
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