![मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ रीजनल चैनल के शुभारंभ के अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने संबोधन में कहा  1 On the occasion of the launch of Madhya Pradesh-Chhattisgarh Regional Channel, Chief Minister Bhupesh Baghel said in his address](https://4rtheyenews.com/wp-content/uploads/2023/08/On-the-occasion-of-the-launch-of-Madhya-Pradesh-Chhattisgarh-Regional-Channel-Chief-Minister-Bhupesh-Baghel-said-in-his-address-780x470.jpg)
रायपुर । छत्तीसगढ़ के लोगों की विशेषता है कि हम असहमति का भी सम्मान करते हैं। लोगों से मशविरा करते हैं और इसके बाद नीतियां तैयार करते हैं। जो अच्छी कार्यप्रणालियां हैं उन्हें यथावत रखते हैं, जिनमें कुछ त्रुटि है और सुधार की गुंजाइश है उन्हें ठीक करते हैं। हमारे भीतर यह सादगी इसलिए आई क्योंकि यह भूमि भगवान राम की ननिहाल है। यहां कबीर, गुरुघासीदास तथा विवेकानंद जैसे साधकों का असर है।
यह बात मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एनडीटीवी के मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ रीजनल चैनल के शुभारंभ के अवसर पर अपने संबोधन में कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ एक सांस्कृतिक इकाई है। यद्यपि राज्य का निर्माण वर्ष 2000 में हुआ लेकिन छत्तीसगढ़ राज्य को लेकर जो लोगों के सपने थे, वे पूरे नहीं हो पाए। छत्तीसगढ़ी संस्कृति को एक नये राज्य में फलने-फूलने का जैसा अवसर मिलना चाहिए था, वैसा नहीं मिल पाया।
हम लोगों ने यह काम किया है। अपनी धरोहर को सहेजने का काम हमने शुरू किया है। भगवान राम हमारे भांजे हैं उनसे जुड़े हुए राम वन पथ गमन परिसर के विकास का कार्य हमने आरंभ किया। कौशल्या माता मंदिर के विस्तार का काम हमने आरंभ किया। अपनी सांस्कृतिक और अस्मिता को सहेजने का काम हमने किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने छत्तीसगढ़ की जरूरतों के मुताबिक और यहां के परिवेश को समझते हुए नीतियां बनाई। मसलन जब स्वास्थ्य सेवा लोगों तक पहुंचाने की बात आई तो हमने हाट बाजारों को चुना। हाट बाजार लोगों की गतिविधियों के मुख्य केंद्र में होते हैं। यहां मोबाइल मेडिकल वैन भेजने से लाखों लोगों को लाभ हुआ।
इंग्लिश मीडियम में शिक्षा समय की सबसे बड़ी माँग थी। स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालय योजना के अंतर्गत हमने ऐसे स्कूल आरंभ किये। इसके साथ ही इंग्लिश मीडियम कॉलेज आरंभ किये गये और भविष्य में भी जरूरत के मुताबिक इंग्लिश मीडियम कॉलेज आरंभ किये जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नीति आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले पांच सालों में छत्तीसगढ़ में 40 लाख लोग गरीबी के दायरे से बाहर आये हैं। ऐसा इसलिए संभव हो पाया क्योंकि हमारी न्याय योजनाओं का लाभ लोगों तक पहुंचा, इससे हर वर्ग के लोग लाभान्वित हुए और पूरी अर्थव्यवस्था को इससे संजीवनी मिली। हमारी योजनाओं से प्रदेश के हर वर्ग में खुशहाली आई है।