मुख्यमंत्री के आगमन को लेकर जनता उत्साहित, राजिम को जिला बनाने की बेसब्री से इंतजार
राजिम। क्षेत्र के लोगों को जैसे ही पता चला है कि मुख्यमंत्री का आगमन शीघ्र विधानसभा के किसी पंचायत में होगा। जनता उत्साहित है कि अब राजिम को जिला बनाने की घोषणा अवश्य करेगी। इनके जिला बनने से न सिर्फ पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा बल्कि व्यापार को भी पंख लगेंगे। बेरोजगारी की दर कम होगी तो परिवार में खुशियां आएगी, शासन की हर एक योजनाओं का लाभ यहां के लोगों को मिलेगा। अनेक सपने संजोकर धर्म नगरी के लोग उम्मीद में जी रहे हैं। वैसे प्रदेश में एक नारा बहुत ही प्रचलित हुआ है की भूपेश है तो भरोसा है। बस भरोसा में ही यहां के लोगों की दिनचर्या बीत रही है। उल्लेखनीय है कि त्रिवेणी संगम के पूर्व दिशा में धर्म नगरी राजिम एवं पश्चिम दिशा में नवापारा स्थित है दोनों शहर तहसील मुख्यालय है। दोनों को मिलाकर संयुक्त जिला बनाने की मांग उठ रही है। राजिम तहसील में कुल 97 गांव आते हैं। जानकारी के मुताबिक 2022 के आंकड़ों के अनुसार इनकी जनसंख्या 184,097 है जिनमें से 71,810 पुरुष एवं 72,002 महिलाएं हैं। विकासखंड फिंगेश्वर है जिसमें 72 ग्राम पंचायत है। इसी तरह से गोबरा नवापारा के 24 पटवारी हल्का में कुल 54 गांव आते हैं। इस तरह से दोनों तहसील को मिला दिया जाए तो तीन लाख से भी ज्यादा आबादी होगी। इनके अलावा मगरलोड विकासखंड के तकरीबन 25 से 30 गांव शहर से लगा हुआ है यहां के लोगों का हमेशा लेनदेन के लिए शहर में आना-जाना करते हैं। छोटे से बड़े सामग्री को खरीदने के लिए तथा अन्य कार्यों के लिए आवागमन लगा रहता है इन गांवों को भी राजिम जिला में जोड़ दिया जाए तो यहां के लोगों को काफी सहूलियत होगी। इसी तरह से छुरा ब्लॉक के 15 से 20 गांव राजिम जिला में सम्मिलित हो तो गांव की संख्या बढ़ जाएगी। राजिम तहसील कुल 97 गांव, गोबरा नवापारा तहसील कुल 54 गांव, मगरलोड तहसील से कुल 30 गांव तथा छुरा तहसील के 20 गांव इन सभी को जोड़ दिया जाए तो 200 से भी अधिक गांव राजिम जिला में आ जाएंगे। इस जिला में 2 बड़े शहर राजिम और नवापारा होंगे। व्यापारिक दृष्टिकोण से दोनों ही शहर का महत्वपूर्ण स्थान है। यहां दो सब्जी मंडी स्थापित है यहां से सब्जियों की खेप गांव शहर तथा दूसरे शहरों में भी निर्यात की जाती है। दो कृषि उपज मंडी है। तथा 100 से ज्यादा राइस मील हैं। यहां के चावल दिल्ली मुंबई कोलकाता गुजरात चेन्नई सहित विदेशों में भी भेजे जाते हैं। इनके अलावा पहले यहां ट्रेन सुविधा थी। लोकल ट्रेन राजधानी रायपुर सीधे राजिम के लिए आती थी लेकिन इसे अब बंद कर दिया गया है। बड़ी लाइन बनाकर देवभोग से होते हुए उड़ीसा में जोड़ दिया जाए तो अकेले नवापारा राजिम से ही करोड़ों रुपया का राजस्व रेलवे विभाग को मिलेगा।धर्म नगरी राजिम की ख्याति पूरी दुनिया में है इस नगरी का दर्शन करने के लिए देश विदेश से बड़ी संख्या में प्रतिदिन पर्यटकों का आना जाना लगा रहता है। जिले बन जाने से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। जिला स्तर के अफसर खुद राजिम में ही बैठकर जमीन से जुड़े रहेंगे और विकास के नए-नए अध्याय लिखेंगे। यह तीन नदियों का संगम है तथा लगातार तीन एनीकट है इस पर पर्यटन को और विकसित किया जा सकता है। छत्तीसगढ़ की सबसे बड़ी लक्ष्मण झूला राजिम संगम में स्थित है।युग पुरुषों की जन्मस्थलीराजिम महापुरुषों की जन्मस्थली है यहां के चंपारण में महाप्रभु वल्लभाचार्य, चंद्रसुर में छत्तीसगढ़ के आदिकवि एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पंडित सुंदरलाल शर्मा, किरवई में छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माण में अहम भूमिका निभाने वाले संत कवि पवन दीवान, सिरकट्टी आश्रम स्थित संत भुनेश्वरी शरण व्यास, महर्षि महेश योगी आदि का जन्म राजिम क्षेत्र में ही हुआ है।इस धर्म नगरी का इतिहास सतयुग से बताया जाता है। राजा रत्नाकर इसी भूमि पर यज्ञ किया था। त्रेता युग में भगवान राम लक्ष्मण एवं सीता वनवास काल के दौरान त्रिवेणी संगम पहुंचकर चौमासा व्यतीत किया तथा सीता ने अपने हाथों से बालू द्वारा कुलेश्वर नाथ महादेव शिवलिंग की स्थापना की। यहां कल्चुरी कालीन अनेक मंदिर है जिससे छत्तीसगढ़ की इतिहास की जानकारी मिलती है।देश के सभी प्रसिद्ध तीर्थ स्थल जिला बन चुके हैं। परंतु राजिम का क्रम अभी तक नहीं आने से यहां के लोगों को खल रहा है। छत्तीसगढ़ राज्य बने तो मात्र 16 जिला थे जो बढ़कर अब 33 जिला हो गए हैं। धर्म नगरी के साथ-साथ राजस्व में भी विशेष स्थान रखने वाले इस नगरी के जिला बनने से चहुमुखी विकास होगा।