राम मंदिर मामले पर अब 10 जनवरी को होगी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
06 दिसंबर 1992 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद के विवादित ढांचे को गिराया गया था, हालांकि विवादित स्थल पर आजतक मंदिर का निर्माण नहीं हो पाया है और कई संगठन अब भी राम मंदिर निर्माण की मांग कर रहे हैं.
राम मंदिर मामले पर अब 10 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी. बेंच का गठन 10 जनवरी को किया जाएगा. आज सिर्फ 60 सकेंड तक इस मामले पर कोर्ट में सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि उसके द्वारा गठित एक उपयुक्त पीठ राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि मालिकाना विवाद मामले की सुनवाई की तारीख तय करने के लिए 10 जनवरी को आदेश देगी.
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति एस के कौल की पीठ ने कहा, ‘एक उपयुक्त पीठ मामले की सुनवाई की तारीख तय करने के लिए 10 जनवरी को आगे के आदेश देगी.’
अलग-अलग पक्षों की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता हरिश साल्वे और राजीव धवन को अपनी बात रखने का कोई मौका नहीं मिला.
इसके अलावा इस सिलसिले में सुप्रीम कोर्ट ने एक जनहित याचिका (PIL) भी खारिज कर दी. इस याचिका में अयोध्या मसले से संबंधित सभी केस पर रोजाना सुनवाई की मांग की गई थी.
आपको बता दें कि इलाहाबाद हाई कोर्ट के सितंबर 2010 के फैसले के खिलाफ दायर 14 अपील सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 2.67 अकड़ ज़मीन को तीन हिस्सों में बांट दिया था.एक हिस्सा राम लला विराजमान, एक हिस्सा निर्मोही अखाड़ा और एक हिस्सा सुन्नी वक्फ बोर्ड को दिया गया है. तीनों ही पक्षों ने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. इस मामले में 533 एक्जीबिट, 87 गवाह जिन के बयान 14000 पन्नों में हैं और हजारों दस्तावेज हैं जो संस्कृत, उर्दू, अरबी, फारसी, हिंदी और अंग्रेज़ी में हैं. इन सब को पढ़ने में ही काफी समय लग सकता है.
अयोध्या में बाबरी मस्जिद के विध्वंस के 26 साल पूरे हो गए हैं. 06 दिसंबर 1992 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद के विवादित ढांचे को गिराया गया था, हालांकि विवादित स्थल पर आजतक मंदिर का निर्माण नहीं हो पाया है और कई संगठन अब भी राम मंदिर निर्माण की मांग कर रहे हैं.