
रायपुर। छत्तीसगढ़ के डोंगरगढ़ स्थित मां बम्लेश्वरी धाम में शुक्रवार की सुबह आस्था पर एक बार फिर तकनीकी लापरवाही का साया मंडरा गया। श्रद्धालुओं से भरी एक रोपवे ट्रॉली अचानक टूटकर जमीन पर आ गिरी, जिससे अफरा-तफरी मच गई। इस हादसे में बीजेपी के प्रदेश महामंत्री भरत वर्मा गंभीर रूप से घायल हो गए, जबकि पूर्व मंत्री रामसेवक पैकरा बाल-बाल बच गए।
सूत्रों की मानें तो रोपवे का उपयोग श्रद्धालुओं की बजाय सीमेंट और गिट्टी ढोने में हो रहा था, जबकि मेंटेनेंस महज़ एक औपचारिकता बनकर रह गया है। ट्रॉली में भरत वर्मा, रामसेवक पैकरा, दया सिंह और मनोज अग्रवाल सवार थे। हादसा मंदिर से नीचे उतरते वक्त ट्रॉली के अंतिम चरण में उतरने के दौरान हुआ।
घटना के बाद मंदिर परिसर में हड़कंप मच गया। घायल भरत वर्मा को तत्काल ग्रीन कॉरिडोर के ज़रिए पहले राजनांदगांव और फिर रायपुर रेफर किया गया। उन्हें सर्वाइकल और हिप इंजरी की बात सामने आई है।
यह कोई पहली घटना नहीं है। बीते कुछ सालों में रोपवे से जुड़ी कई घटनाएं हो चुकी हैं, लेकिन ट्रस्ट समिति अब तक आंख मूंदे बैठी है। स्थानीय लोग सवाल उठा रहे हैं—क्या श्रद्धालुओं की सुरक्षा से ज्यादा चढ़ावे की गिनती जरूरी है?
प्रशासन मौके पर पहुंच गया है, रोपवे संचालन फिलहाल रोक दिया गया है और जांच जारी है। मगर बड़ा सवाल यही है—क्या हादसे के बाद ही हम चेतेंगे?