
सूरजपुर में आज केबिनेट मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े पहुँची और उन्होंने चंदरपुर चौक में माता राज मोहिनी देवी की प्रतिमा का अनावरण किया इस दौरान बड़ी संख्या में नगरवासी मौजूद रहे. बता दें कि माता राजमोहिनी ने 1951 में पड़े अकाल के समय गांधीवादी विचारधाराओं व आदर्शों से प्रभावित होकर एक जन आंदोलन चलाया था, जिसका मुख्य उद्देश्य आदिवासी महिलाओं की स्वतन्त्रता के साथ उनको समाज की मुख्यधारा से जोड़ना था. वहीं उन्होंने समाज में व्याप्त अंधविश्वास और मदिरा पान को लेकर भी मुहिम चलाई और धीरे धीरे इस मुहिम से 80000 से भी ज्यादा लोग जुड़ गए और बाद में इस मुहिम ने जन आंदोलन का रूप ले लिया, जिसके बाद शासन ने संस्थान के रूप में इस मुहिम को मान्यता दी। सूरजपुर की छोटी सी जगह से शुरू हुई इस मुहिम ने छत्तीसगढ़ ही नही उत्तर प्रदेश के साथ बिहार में भी काफी प्रभाव डाला। जिसकी वजह से आज इस संस्थान के आश्रम न सिर्फ छत्तीसगढ़ बल्कि उत्तर प्रदेश और बिहार में भी हैं. सन 1989 को भारत सरकार द्वारा इन्हें भारत के चतुर्थ सर्वोच्च नागरिक सम्मान “पद्म श्री” से नवाजा गया.
इनके जन कल्याण कारी मुहिम से समाज को एक नई दिशा मिली और आज भी इनके अनुयाई जगह-जगह इनके बताएं आदर्शो पर चलकर समाज को एक बेहतर दिशा देने का काम कर रहे हैं,और इस आंदोलन को आज राजमोहनी के नाम से जाना जाता है।