रायपुर : शहर में जहां एक ओर अभी से पेयजल संकट गहराने लगा है तो वहीं शहर की जीवन दायिनी खारून नदी दम तोड़ती नजर आ रही है। नदी के अधिकांश हिस्सों पर जलकुंभियों का जाल बिछ चुका है, इससे खारून का बचा हुआ पानी भी बुरी तरह से प्रदूषित हो रहा है।
मार्च माह में ही शहर के साथ पूरे प्रदेश में भीषण गर्मी का दौर शुरू हो गया है। इस माह के प्रथम पखवाड़े की समाप्ति के पूर्व ही तापमान 34 डिग्री तक पहुंच चुका था। शहर में इस माह के शुरूआत से ही पेयजल की किल्लत भी शुरू हो गई है। शहर के कई वार्डों में तथा कई इलाकों में इन दिनों पेयजल के लिए लोगों को परेशान होते आसानी से देखा जा सकता है। शहर की जीवन रेखा कही जाने वाली खारून नदी का भी दम धीरे-धीरे घुटता जा रहा है। खारून नदी के आसपास बेखटके हो चुके निर्माण कार्य से जहां नदी का आकार घटा है तो वहीं वर्तमान में इस नदी में कई जगह स्टॉप डेम बन जाने से भी नदी का जलस्तर घटा है। हालांकि स्टॉप डेम में पानी का भराव बना हुआ है,
लेकिन नदी का बहाव कम होने से अब नदी के आसपास रहने वाले हजारों परिवारों के सामने निस्तारी की समस्या खड़ी हो गई है। इसके अलावा नदी की सफाई नहीं होने से इन दिनों नदी के अधिकांश हिस्सों पर जलकुंभियों का जाल बिछ चुका है। आमतौर पर जलकुंभ स्थाई पानी में होते हैं, लेकिन वर्तमान में खारून नदी के कई हिस्सों पर जलकुंभियों का जाल देखा जा सकता है। महादेवघाट के ठीक पहले बने स्टॉप डेम के चारों ओर जलकुंभियों का जाल देखा जा सकता है, इसके अलावा नदी में जहां-जहां भी पानी जमा है, वहां-वहां जलकुंभी हो चुकी है। इससे नदी का पानी बुरी तरह से प्रदूषित होना शुरू हो गया है। अभी गर्मी की शुरूआत है, यदि अभी भी नदी की सफाई नहीं हुई तो आने वाले दिनों में पानी के लिए और ज्यादा परेशानी होनी तय है।