देशबड़ी खबरें

राफेल डील UPA से सस्ती, 9% का मोदी सरकार का दावा खारिज

लोकसभा चुनाव से पहले एक बार फिर राफेल पर रण तेज होता जा रहा है. बुधवार को संसद के बजट सत्र का आखिरी दिन है, ऐसे में विपक्ष के उठ रहे सवालों के बीच मोदी सरकार आज लोकसभा में राफेल विमान सौदे पर कैग (CAG) रिपोर्ट को लोकसभा में पेश कर सकती है. लोकसभा से पहले सरकार ने राज्यसभा में CAG रिपोर्ट को पेश किया है. केंद्रीय मंत्री पी. राधाकृष्णन ने इस डील को पेश किया.

राज्यसभा में पेश CAG रिपोर्ट के अनुसार मोदी सरकार ने जो राफेल विमान की डील की है, वह सस्ती है. रिपोर्ट के अनुसार, राफेल डील 2.86 फीसदी सस्ती है. हालांकि, बिल्कुर तैयार अवस्था में राफेल की कीमत UPA सरकार के जितनी ही है. हालांकि, रिपोर्ट में विमान के दाम नहीं बताए गए हैं. CAG की रिपोर्ट से मोदी सरकार का वो दावा भी खारिज होता है, जिसमें कहा गया था कि मोदी सरकार ने राफेल विमान 9 फीसदी सस्ता खरीदे हैं.

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी शुरुआत से ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगा रहे हैं कि उन्होंने इस डील में चोरी की है, जबकि बीजेपी और केंद्र सरकार इस डील को पाक साफ बताने में जुटी है. अब आज आ रही कैग रिपोर्ट पर सभी की नजरें हैं.

संसद परिसर में कांग्रेस ने किया प्रदर्शन

संसद की कार्यवाही शुरू होने से पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह समेत अन्य कांग्रेस नेताओं ने संसद परिसर में गांधी मूर्ति के पास राफेल मुद्दे पर प्रदर्शन किया. राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे के बीच संसद में राफेल मुद्दे को लेकर अहम बैठक भी हुई.

इस मामले पर कांग्रेस ने संसद में स्थगन प्रस्ताव दिया है. इतना ही नहीं, आज राज्यसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान बोल सकते हैं. सरकार भी कई बिलों को पेश कर सकती है

गौरतलब है कि राफेल विमान सौदे में कथित घोटाले को लेकर विपक्ष मोदी सरकार पर हमलावर है, कांग्रेस समेत अन्य पार्टियों के द्वारा इस डील पर कैग रिपोर्ट सदन में पेश करने की मांग की जा रही थी. पिछले दो दिनों में तो रिपोर्ट पेश नहीं हो सकी, लेकिन अब सत्र के आखिरी दिन केंद्रीय मंत्री पी. राधाकृष्णन ने इस डील को पेश किया.

सूत्रों की मानें तो इस कैग रिपोर्ट में राफेल से जुड़ी जानकारियां तो हैं, लेकिन विमान की कीमत की जानकारी नहीं हैं. रिपोर्ट आने से पहले ही कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इस रिपोर्ट पर सवाल उठा दिए हैं और उन्होंने इसे ‘Chowkidar Auditor General’ रिपोर्ट घोषित कर दिया है.

सरकार की CAG रिपोर्ट में क्या है?

आपको बता दें कि कैग रिपोर्ट में भारतीय एयर फोर्स की कई डील के बारे में जानकारी साझा की गई हैं. इन्हीं में राफेल डील भी एक हिस्सा है. कैग की इस रिपोर्ट में राफेल विमान के दामों के बारे में नहीं बताया गया है, जबकि विपक्ष दाम के मुद्दे पर ही केंद्र सरकार को घेर रहा है. रिपोर्ट में डिफेंस डील के हर पैरामीटर को परख कर आंकड़े दिए गए हैं.

रिपोर्ट के बड़े प्वाइंट्स

– रिपोर्ट में दामों को साफ तौर पर तो नहीं बताया गया है, लेकिन राफेल सौदे के दौरान मार्केट के क्या हालात थे और बाजार में किस तरह के दाम चल रहे थे, उनके बारे में भी बताया गया है.

– राफेल सौदा CAG की रिपोर्ट का महज एक हिस्सा है. CAG ने एक साथ अब तक के वायु सेना के 11 रक्षा खरीद सौदों की ऑडिट की है.

– इस रिपोर्ट में रक्षा खरीद के सभी पैरामीटर के आधार पर राफेल डील का मूल्यांकन किया गया है. सूत्रों के मुताबिक सीएजी ने रक्षा खरीद सौदों का एक ‘तुलनात्मक मूल्यांकन’ किया है.

सरकार और कांग्रेस में आर-पार

कांग्रेस का आरोप है कि CAG के प्रमुख राजीव महर्षि जो डील के समय फाइनेंस सेक्रेटरी के पद पर थे. ऐसे में रिपोर्ट के जरिए वह सरकार को बचाने की कोशिश कर सकते हैं.

कांग्रेस के आरोपों पर केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने ब्लॉग के जरिए जवाब दिया. उन्होंने लिखा कि कांग्रेस पार्टी जानती है 500 और 1600 करोड़ की कहानी एक फिक्शनल कहानी है, यही कारण है कि कैग की रिपोर्ट आने से पहले वह इस प्रकार के मनगढंत आरोप लगा रहे हैं.

अखबार की रिपोर्ट के बाद हमलावर राहुल गांधी

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी लगातार राफेल डील का मुद्दा उठा रहे हैं. हाल ही में एक अंग्रेजी अखबार द्वारा जारी की गई रिपोर्ट पर राहुल गांधी ने भी सरकार को घेरा. राहुल का कहना है कि प्रधानमंत्री ने राफेल सौदे में रक्षा मंत्रालय की आपत्तियों के बावजूद डील को किया और अनिल अंबानी को सीधे तौर पर 30 हजार करोड़ रुपये का फायदा पहुंचाया. राहुल ने इसके अलावा मंगलवार को एक सीक्रेट ई-मेल भी जारी किया.

हालांकि, सरकार की ओर से राहुल गांधी के हर आरोप को नकार दिया गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद कहा कि जो भ्रष्ट हैं, उन्हें ही मोदी से कष्ट है. वहीं सीक्रेट ई-मेल पर सरकार की ओर से कहा गया है कि वह ई-मेल राफेल डील से जुड़ा है ही नहीं, वह एक एयरबस की डील से जुड़ा है.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button