छत्तीसगढ़
छेरछेरा कोठी के धान ला हेरहेरा की गूंज सुबह से घर घर सुनाई देती है, दान मांगने की अनोखी परंपरा छेरछेरा पुन्नी आज

रायपुर। छत्तीसगढ़ की संस्कृति में पौष माह की पूर्णिमा तिथि पर दान मांगने की अनोखी परंपरा सदियों से निभाई जा रही है जिसे छेरछेरा कहा जाता है। आज के दिन द्वार-द्वार पर ‘छेरछेरा, कोठी के धान ल हेरहेरा’ की गूँज सुनाई देगी। पौष पूर्णिमा के अवसर पर मनाए जाने वाले इस पर्व के लिए लोगों में काफी उत्साह है। गौरतलब है कि इस पर्व में अन्न दान की परंपरा का निर्वहन किया जाता है। यह उत्सव कृषि प्रधान संस्कृति में दानशीलता की परंपरा को याद दिलाता है। उत्सवधर्मिता से जुड़ा छत्तीसगढ़ का मानस लोकपर्व के माध्यम से सामाजिक समरसता को सुदृढ़ करने के लिए आदिकाल से संकल्पित रहा है।