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नौ डाक्टरों समेत 292 संविदाकर्मियों की सेवा समाप्त करने का आदेश

दंतेवाड़ा
- डिस्ट्रिक्ट माईनिंग फंड से कार्य कर रहे दंतेवाड़ा जिले के नौ डाक्टरों समेत जिला अस्पताल और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के 292 संविदाकर्मियों की सेवाएं समाप्त होगी।
- दंतेवाड़ा के सीएमओ ने सभी को एक महीने की नोटिस थमाते हुए सेवा समाप्त करने की सूचना जारी कर दी है।
- ज्ञातव्य है, दंतेवाड़ा में डीएमएफ से बड़ी संख्या में संविदा में भरती की गई है। इसमें सरकार को व्यापक फर्जीवाड़े की भी सूचना मिली थी।
- कुछ ऐसे लोग भी अस्पतालों के नाम पर नियुक्त कर दिए गए, जिनकी उपास्थिति कागजों में रहती है। सोर्स-सिफारिश पर पद से अधिक अपाइंटमेंट किए गए।
- मसलन, दंतेवाड़ा जिला अस्पताल में नर्स की 70 स्वीकृत पद है।
- लेकिन, वहां डीएमएफ में 140 नर्सां की भरती कर ली गई। सीएमओ की नोटिस से पता चलता है कि स्वास्थ्य सेवाओं के नाम पर वहां किस तरह गोलमाल किया गया।
- छोटे सामुदायिक केंद्रों में सात-सात चौकीदारों की नियुक्ति कर ली गई। बताते हैं, इसमें राजनेताओं के रिश्तेदारों को जमकर उपकृत किया गया।
- यहीं नहीं, डीएमएफ के मद से डाक्टरों को इंसेटिव भी दिए जा रहे थे। जिन संविदा डाक्टरों को बाहर से ढाई लाख वेतन में पोस्ट किया गया था।
- उनकी देखादेखी सरकारी डाक्टरों ने वेतन बढ़ाने की मांग की।
- इस पर सबको डीएमएफ से 30 से 40 हजार रुपए महीना इंसेटिव फीक्स कर दिया गया। ज
- बकि, सविदा के समान सुविधा की मांग सरकारी डाक्टर नहीं कर सकते। क्योंकि, वे सरकारी हैं। 292 में विशेषज्ञ डॉक्टर से लेकर सफाईकर्मी तक शामिल हैं।
- हालांकि, संविदा नियुक्ति समाप्त करने के आदेश के खिलाफ सामाजिक कार्यकर्ता ममता शर्मा ने आज शाम स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव से मुलाकात कर कहा कि संविदा कर्मियों की भरती में भ्रष्टाचा हुआ है।
- इसको छुपाने के लिए संविदा कर्मियों को बर्खास्त किया जा रहा है।
- इस आदेश को निरस्त कर मामले की जांच की जाए। इस पर सिंहदेव ने अफसरों से जांच कराने का आश्वासन दिया।