
रायपुर। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में उस वक्त एक भावुक और हैरान कर देने वाला नज़ारा देखने को मिला, जब ‘सुशासन तिहार’ कार्यक्रम के दौरान कुछ युवकों ने अफसरों के सामने अपनी ज़िंदगी की सबसे बड़ी समस्या रख दी— “हमें भी दुल्हन चाहिए, साहब!”
ये कोई मज़ाक नहीं था। यह थी अकेलेपन की पीड़ा, जो मंच तक पहुँच गई। कुल 8 युवकों ने अधिकारियों से हाथ जोड़ कर कहा कि वे सालों से अकेले जी रहे हैं, लेकिन अब हिम्मत जवाब दे रही है। कोई लड़की शादी के लिए तैयार नहीं हो रही। आर्थिक तंगी, बेरोजगारी और सामाजिक परिस्थितियों ने उनके सपनों में दरारें डाल दी हैं।
इन्हीं युवाओं में से एक हैं चंदन साहनी, जो राजिम नगर पंचायत के ‘ब्रह्मचर्य वार्ड’ के निवासी हैं। उम्र 36 साल हो चुकी है। चंदन खुले दिल से कहते हैं, “अब तो विधवा हो, तलाकशुदा हो या अनाथ लड़की—कोई भी जीवनसाथी मिल जाए, तो गले लगा लेंगे। बस कोई हो, जो सुख-दुख में साथ चले।”
वो बताते हैं कि गरीबी और बेरोजगारी की वजह से शादी की बात जहाँ भी चलती है, वहीं टूट जाती है। धीरे-धीरे उम्मीदें भी खत्म होती जा रही हैं।
इस अनोखी मांग ने अफसरों को भी असहज कर दिया। शायद पहली बार प्रशासन ने ऐसा आवेदन देखा— जहाँ किसी ने सड़क, बिजली या पानी नहीं, बल्कि जीवन साथी मांगा