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 रायपुर : अजीत जोगी ने स्कूल शिक्षा विभाग में बड़े घोटाले का लगाया आरोप

रायपुर : पूर्व मुख्यमंत्री एवं छजकां सुप्रीमों अजीत जोगी ने स्कूल शिक्षा विभाग में बड़े घोटाले का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि स्कूलों में डिजीटल एजुकेशन के लिए अमान्य और अवैध दस्तावेजों के आधार पर कंपनी का चयन किया गया है। इसमें भारी भ्रष्टाचार हुआ अजीत जोगी ने रविवार को पत्रकारवार्ता लेते हुए बताया कि डिजीटल एजुकेशन के लिए टेंडर आमंत्रित की गई थी। प्रदेश के 4330 स्कूलों में समग्र शिक्षा योजना के डिजीटल एजुकेशन की शुरूआत की गई है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र के ग्राम मर्रा के स्कूल से इस प्रोजेक्ट की शुरूआत की गई है। डिजीटल एजुकेशन के लिए टेंडर की प्रक्रिया 7 जनवरी 2019 में शुरू हुई थी और इसमें दो प्रतिभागी शामिल हुए।

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इनमें रेल टेल कार्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड और बेनेट कॉलेमन एण्ड कंपनी लिमिटेड है। उन्होंने बताया कि टेंडर की प्रारंभिक योग्यता की शर्तों में कम से कम सौ करोड़ राशि के शिक्षा संबंधी प्रोजेक्ट का पूर्व अनुभव अनिवार्य मांगा गया था। उन्होंने बताया कि बेनेट कॉलमेन एण्ड कंपनी लिमिटेड के पास ऐसा कोई अनुभव न होते हुए भी उनके द्वारा प्रदत्त अमान्य दस्तावेजों के आधार पर इस कंपनी का चयन कर समग्र शिक्षा ने नियमों की धज्जियां उड़ा दी, जिससे भ्रष्टाचार की संभावना प्रकट हो रही है।

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उन्होंने कहा कि टेंडर में ऐसी कठिन शर्त के कारण बहुत कम प्रतिभागी पात्र हुए। शिक्षा विभाग ने पूर्व नियोजित ढंग से बेनेट द्वारा जमा किए गए अमान्य और अवैध दस्तावेजों को सौ करोड़ का अनुभव बताकर स्वीकार किया। इस कंपनी का चयन कर वर्क ऑर्डर जारी किया गया। श्री जोगी ने यह भी बताया कि दूसरे प्रतिभागी रेल टेल कार्पोरेशन एवं प्रोबिट प्लस लिमिटेड द्वारा दिए गए 8 ज्ञापनों के बावजूद शिक्षा विभाग ने सुनियोजित तरीके से दस्तावेजों को जोड़-तोड़ कर बेनेट को पात्र बनाकर चयन कर लिया। इस सिलसिले में अफसरों की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है।

 

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