एक नई उम्मीद की किरण: दस साल बाद दुर्योधन राम के जीवन में लौटेगी खुशियाँ

रायपुर। करीब एक दशक पहले हुए एक भयंकर सड़क हादसे ने दुर्योधन राम की जिंदगी को बदलकर रख दिया था। उस दुर्घटना में उनका दायां पैर गंवाना पड़ा, जो उनके लिए किसी बड़े झटके से कम नहीं था। मेहनत-मजदूरी कर परिवार का पालन-पोषण करने वाले दुर्योधन के लिए अच्छे इलाज तक पहुंचना मुश्किल था, लेकिन उनकी उम्मीदें अब फिर से जिंदा हो रही हैं।
गांव बोकी कारीताला के निवासी दुर्योधन ने मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय में अपनी पीड़ा साझा करते हुए कृत्रिम पैर लगाने की मदद मांगी। इस दर्द भरे आवेदन को गंभीरता से लेते हुए, संबंधित विभाग ने उन्हें रायपुर इलाज के लिए भेजने का प्रबंध किया है। वहां उन्हें आधुनिक चिकित्सा सुविधाओं के साथ कृत्रिम पैर लगाया जाएगा, जिससे उनकी जिंदगी फिर से सामान्य हो सकेगी।
दुर्योधन ने अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा, “ऐसे समय में जब लगता है कि जिंदगी थम गई है, मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय और उनकी पहल ने फिर से जीने की उम्मीद दी है।”
यह पहल सिर्फ दुर्योधन तक सीमित नहीं है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर शुरू की गई स्वास्थ्य मितान हेल्पलाइन के माध्यम से अब तक 2,856 जरूरतमंदों को चिकित्सा सलाह, दवाइयाँ, अस्पताल में भर्ती और एंबुलेंस जैसी सुविधाएं प्रदान की जा चुकी हैं।
मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय अब आम जनता के लिए राहत और सहारा का केंद्र बन चुका है, जहां हर मुश्किल हालात में जरूरतमंदों की मदद के लिए तत्पर टीम मौजूद रहती है।