रायपुर मंडल के भिलाई मार्शलिंग यार्ड में सबसे बड़ी इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग की स्थापना,गाड़ियों के संचालन में आएगी गति

रायपुर। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के रायपुर मंडल में भिलाई मार्शलिंग यार्ड में सबसे बड़ी इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग की स्थापना की गई है। इससे ट्रेनों के संचालन में तीव्रता आने से यात्री ट्रेनों की समयबद्धता में और सुधार आएगा। दूसरी ओर संरक्षित ट्रेन परिचालन में भी और वृद्धि होगी। भिलाई मार्शलिंग यार्ड के I, J & F कैबिन का आधुनिकीकरण का कार्य संपन्न हुआ। पिछले 9 दिनों तक I,J,F,D,E,G,H और P कैबिन के नान-इंटरलॉकिंग कार्य के बाद 29 अक्टूबर को सफ़लतापूर्वक कार्य पूरा हुआ। यह दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे की अब तक की सबसे बड़ी इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग ईआई (EI) है।

इसमे फाइबर आधारित इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिग्नलिंग प्रणाली की स्थापना की गई है। आधुनिकीकरण को बढ़ाते हुए रेलवे बोर्ड की ओर से पुराने यांत्रिक लीवर फ्रेम संचालित I, J & F केबिन (वर्ष 1964 में स्थापित किया गया था) को इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग की अनुमति मिली थी। उपरोक्त परियोजना मे कुल 15 करोड़ 7 लाख 36 हजार रुपए खर्च हुए। इस कार्य को समय-सीमा में पूरा करने के लिए विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों ने निरंतर कार्य किया। कार्य के दौरान कोविड प्रोटोकॉल का पूरा ध्यान रखा गया। इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग होने से ट्रेनों का संचालन तीव्र गति से किया जाएगा। अभी तक तीन कैबिन से ट्रेनों का संचालन किया जाता है।

अब केंद्रीय संचालन से केवल एक स्थान से संचालन संपन्न किया जाएगा। इससे जहां एक ओर मैन पावर की बचत होगी। संरक्षा में भी और कुशलता बढ़ेगी। संचालन तीव्र गति से संपन्न होने से यातायात की सुविधा में वृद्धि होगी और परिचालन में उत्तरोत्तर तीव्र गति से होगा। इलेक्ट्रॉनिक इंट्रलॉकिन से संचालन की विश्वसनीयता में सुधार और परिसंपत्तियों के रखरखाव में आसानी होगी। इसमें अलार्म सिस्टम के साथ स्टैंडबाय फ्यूज रहेगा। इससे फेलियर की स्थिति में संचार बाधित नहीं होगा एवं फेलियर का पता रीयल टाइम में आसानी से मिल जाएगा। अलग-अलग लाइनों पर आग लगने का पता लगाने के लिए अलार्म प्रणाली भी प्रदान किया गया है।
