छत्तीसगढ़नारायणपुर

नारायणपुर :14 अप्रैल को मनाया जायेगा ‘‘सामाजिक न्याय दिवस

नारायणपुर : भारतरत्न डॉ भीमराव अम्बेडकर की 127वीें जयंती 14 अप्रैल 2018 के अवसर पर इस दिन ‘‘सामाजिक न्याय दिवस’’ के रूप में मनाया जायेगा। 14 अप्रैल को जिला स्तर पर कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है। कलेक्टर श्री टोपेश्वर वर्मा ने 14 अप्रैल से 5 मई 2018 तक ग्राम स्वराज अभियान के लिए जिला स्तरीय समिति का गठन किया है। गठित समिति में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत को अध्यक्ष नामांकित किया है। सदस्य सचिव सहायक आयुक्त आदिवासी विकास रहेंगे। 23 विभिन्न जिला कार्यालयों के अधिकारियों को सदस्य मनोनित किया गया है।
इस माह की 14 तारीख को ‘‘सामाजिक न्याय दिवस’’ का कार्यक्रम सवेरे 9.30 बजे से शुरू होगा, जो दोपहर 12 बजे तक चलेगा। इस दौरान सामाजिक न्याय पर परिचर्चा एवं उद्बोधन भी होंगे। इसके साथ ही खेल, शिक्षा, कला एवं अन्य क्षेत्र में श्रेष्ठ प्रदर्शन एवं योगदान देने वालों को सम्मानित किया जायेगा।
 नारायणपुर : बच्चों के विकास और संरक्षण के लिए बनाये गये नियमों का पालन सही ढंग से करें: कलेक्टर

नारायणपुर :  कलेक्टर श्री टोपेश्वर वर्मा ने जिला बाल संरक्षण समिति की बैठक में कहा कि बच्चों के विकास एवं संरक्षण के लिए बनाई गई कानून का क्रियान्वयन सही ढंग से हो। सरकारी कार्यालयों और संस्थाओं के साथ ही कार्यक्रम स्थलों पर बच्चों के विचारों को सम्मान के साथ बढ़ावा देने और उसे गंभीरता से लेने की जरूरत है। उन्होंने उपस्थित समिति सदस्यों से कहा कि बाल संरक्षण के लिए राष्ट्रीय आयोग (एनसीपीआर) सार्वभौमिक और बाल अधिकार की पवित्रता के सिद्धांतों पर जोर देता है। उन्होंने कहा कि आयोग के साथ ही हम सबके लिए 0 से 18 आयु समूह सभी बच्चों की सुरक्षा का दायित्व भी है। समिति की बैठक कलेक्टर श्री टोपेश्वर वर्मा की अध्यक्षता में हुई। इस अवसर पर एसडीएम श्री दिनेश कुमार नाग, डिप्टी कलेक्टर श्री एस.एन.वाजपेयी, जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी श्री लुपेन्द्र महिनाग, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास आयुक्त श्री के.एस.मसराम, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी श्री ए.आर.गोटा सहित समिति के अन्य सदस्य उपस्थित थे।

कलेक्टर श्री टोपेश्वर वर्मा ने कहा कि हम सबको को यह ध्यान रखना चाहिए पंचायत राज अधिनियम के तहत प्रत्येक माह पंचायत की बैठक आयोजित करने के स्थायी निर्देश है। पंचायतों की बैठको में भी बाल संरक्षण से संबंधित जानकारी भी देते रहना चाहिए ताकि लोगों में जागरूकता आये। उन्होंने कहा कि जो बच्चा लंबे समय से स्कूल से अनुपस्थित हो या दिखाई न दे तो उसके बारे में जानकारी प्राप्त करें। उन्होंने कहा कि जिले के ग्रामों में पर्याप्त रोजगारमूलक काम चल रहे है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं अन्य के माध्यम से स्थानीय लोगों को काम के प्रति जागरूक करें। उन्होंने कहा कि अतिसंदेनशील क्षेत्रों में बच्चों के लिए औपचारिक शिक्षा एवं कौशल विकास कार्यक्रमों पर विशेष ध्यान दिया जाये। कलेक्टर ने कहा कि युवाओं को स्थानीय बाजार मांग और अभिरूचि के अनुसार कौशल प्रशिक्षण दिया जाये। आश्रमों और छात्रावासों में बच्चों से संबंधित बेहतर कार्यक्रम भी आयोजित किये जाये। जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी ने बाल संरक्षण विशेष अभियान के तहत चलाये जा रहे कार्यक्रमों की विस्तार से जानकारी दी।

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