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अवैध कटाई से जंगल हो रहा साफ, पंडरिया वन विकास निगम के अधिकारी बेखबर

कवर्धा। विकासखंड पंडरिया के वन विकास निगम के जंगल व आदिवासी अंचल व जंगल मूनमुना, पंडरीखार, बदोरा, मुनगाडीह, देवसरा, सज्जनखार, कामठी इन जंगलों में बेखौफ वनों की कटाई हो रही है। यहां क्षेत्र में सागौन सहित इमारती पेड़ों की अवैध कटाई जोरों पर है। सालों से हो रही अवैध कटाई पर वन विकास निगम बेखबर का रहना आश्चर्यजनक है।

एक ओर तो कृषक वन भूमि पर कटाई कर अवैध कब्जा कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर लकड़ी तस्कर इमारती लकड़ी विशेषकर सगोंन की लकड़ी की अवैध कटाई कर उसे चोरी छुपे फर्नीचर बनाकर बेचने में निरंतर बेखौफ लगे हैं। यह भी सही हैं कि अवैध कटाई से लेकर फर्नीचर के निर्माण व बिक्री का पूरा कार्य खुलेआम चल रहा है। फिर भी वन विभाग के अधिकारियों का आंख मूंदकर बैठना यह साबित करता है कि जंगलों की अवैध कटाई वन विकास निगम की सरपरस्ती पर खुलेआम चल रही है। बन्दोर आगे जंगल में पहाड़ी तक सैकड़ों की तादात में सागौन के पेड़ों की अवैध कटाई की जा रही है।

इनके ठुट अभी भी मौजूद हैं जिन पर निगम ने कोई कार्रवाई नहीं की है। इससे वन तस्करों के हौसले बुलंद हैं और अब वे सड़क किनारे के पेड़ों को काटकर परिवहन करने में लगे हैं। इसका जीता जागता उदाहरण मूनमुना ,पंडरीखार, बदोरा,मुनगा डीह, देवसरा,सज्जनखार, कामठी सहित पूरे पंडरिया का यही हाल है।

जंगल बन रहे खेत
जंगल के अस्तित्व खतरे में पड़ते जा रहा है। दस साल पहले यह इलाका काफी हरा-भरा रहता था लेकिन अवैध कटाई के चलते अब यह जंगल सपाट मैदान में तब्दील होते जा रहा है। जंगल के कीमती पेड़ तस्करों की भेंट चढ़ चुके हैं। वनों की सुरक्षा के लिए नियुक्त विभाग के आधे से अधिक कर्मचारी अपना फील्ड छोड़ मुख्यालय में रहते हैं। कार्य क्षेत्र से नदारद रहने का फायदा लकड़ी तस्कर उठाते हैं। जंगलों में अवैध कटाई की जानकारी विभाग के अधिकारियों को भी है लेकिन वे भी खुद कम रहते हैं। अधिकारियों का रवैया देख विभाग के कर्मचारी भी उन्हीं के नक्शे कदम पर चल रहे हैं। इसके कारण जंगल अब खेत बनते जा रहा है।

जंगलों में कटाई हो रही है। इसकी जानकारी अभी मिल रही है। जंगल मे अवैध कटाई करने वालो पर कार्रवाई की जाएगी। वनोपज को जब्त किया जाएगा।
पीताम्बर साहू, एसडीओ वन विकास निगम

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