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रायगढ़ में मरीन ड्राइव परियोजना को लेकर शुरू हुई तोड़फोड़, विरोध में उबाल

रायपुर/रायगढ़। केलो नदी के किनारे कायाघाट क्षेत्र में प्रस्तावित मरीन ड्राइव परियोजना के लिए प्रशासन ने तोड़फोड़ की कार्रवाई शुरू कर दी है। पहले चरण में 20 घरों को तोड़ा गया, जबकि अगले चरण में 100 से अधिक मकानों पर बुलडोज़र चलने की आशंका है। इस कार्रवाई से क्षेत्र में तनाव का माहौल पैदा हो गया है।

शुक्रवार रात को ही कई परिवारों को नोटिस थमाया गया। एक विस्थापित महिला ने बताया, “रात 9.30 बजे नोटिस दिया गया और कहा गया कि सुबह 8 बजे तक घर खाली कर दो। हम दिन भर भूखे-प्यासे हैं और सिर पर छत नहीं रही।”

सुबह जब कार्रवाई शुरू हुई, तो दर्जनों महिलाएं पुलिस बल के सामने आकर खड़ी हो गईं। इस दौरान हल्की झड़प भी हुई। विरोध कर रहे स्थानीय लोगों को शांत करने के लिए एसपी और अन्य प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे। उन्होंने भरोसा दिलाया कि “जिसका घर गया है, उसे घर मिलेगा; जिसकी ज़मीन गई है, उसे ज़मीन दी जाएगी।”

इस बीच नाराज़ प्रभावितों और कांग्रेस नेताओं ने मंत्री ओपी चौधरी के बंगले के बाहर जोरदार नारेबाज़ी की। इससे पहले शुक्रवार रात को ही सैकड़ों स्थानीय निवासियों ने कलेक्टर बंगले का घेराव भी किया था। नगर निगम की ओर से 295 परिवारों को नोटिस जारी किया गया है।

प्रशासन का कहना है कि यह विकास कार्य रायगढ़ शहर को एक नई पहचान देगा, जबकि प्रभावित परिवारों के लिए पुनर्वास की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। मगर फिलहाल, ज़मीन और घर गंवा चुके लोगों के लिए ये वादे ज़मीनी राहत से दूर नज़र आ रहे हैं।

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