बीजापुर । छत्तीसगढ़ में बीजापुर जिले के 13 से ज्यादा गांवों में डायरिया का प्रकोप देखने को मिल रहा है। ग्रामीण उल्टी, दस्त से ग्रसित हैं। पिछले दो दिनों के अंदर करीब 300 से ज्यादा मरीज इलाज करवाने अस्पताल पहुंचे हैं। अस्पताल में जगह नहीं होने की वजह से मरीजों को गांव के ही बालक आश्रम में भर्ती किया गया है। डॉक्टरों की टीम वहीं मरीजों का इलाज कर रही है। कुछ मरीजों को एक अन्य गांव के अस्पताल में भी शिफ्ट करवाया गया है।
भैरमगढ़ ब्लॉक के मुलचेर, कुलरा पल्ली, मंडेम, सागमेटा समेत अन्य गांव के ग्रामीण डायरिया से जूझ रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की मानें तो पिछले 2 दिनों में सबसे ज्यादा मरीज फरसेगढ़ उप स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे हैं। भवन छोटा होने की वजह से मरीजों को भर्ती करने जगह नहीं है, इसलिए कई मरीजों को फरसेगढ़ के आश्रम तो कुछ लोगों को पास के ही गांव कुटरू अस्पताल रेफर किया गया। इधर, स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि करीब 12 से ज्यादा ग्रामीणों की स्थिति गंभीर बनी हुई है।
शरीर में पानी की कमी के कारण बीमार
ग्रामीणों का इलाज कर रहे डॉक्टर रमेश तिग्गा और डॉक्टर निखलेश नंद की मानें तो भीषण गर्मी की वजह से ग्रामीण बीमार हुए हैं। ग्रामीणों के शरीर में पानी की कमी हो गई है। जिससे उन्हें उल्टी, दस्त, बुखार से जूझना पड़ रहा है। हालांकि, जन्हें ड्रिप चढ़ाकर ठीक करने की कोशिश की जा रही है। ग्रामीणों में मलेरिया, शुगर, ब्लड प्रेशर की भी शिकायत देखने को मिल रही है।
डायरिया के लक्षण
डायरिया होने पर कई तरह के लक्षण नजर आते हैं। कारणों के आधार पर किसी भी व्यक्ति को डायरिया होने पर एक या इससे अधिक लक्षण नजर आ सकते हैं। जैसे कि जी मचलना, पेट में मरोड़, लूज मोशन, सूजन, डिहाइड्रेशन, बुखार, मल में खून आना होता है।
क्या है डायरिया से बचने के उपाय?
- शुद्ध पानी पीएं।
- अच्छी तरह पका हुआ खाना खाएं। ताजा पके हुए गर्म खाने का सेवन करें।
- कच्चे भोजन का सेवन करने से बचें।
- चाय, कॉफी, सोडा, चॉकलेट आदि के सेवन से बचें।
- बार-बार हाथ धोएं और साफ-सफाई का खास ध्यान रखें।
- तबियत खराब होती है तो फौरन डॉक्टर के पास जाएं। उन्हें समस्या बताएं और इलाज करवाएं।