दुनिया के सबसे बड़े धर्मगुरु पोप फ्रांसिस का निधन

दुनिया के सबसे बड़े धर्मगुरुओं में से एक रोमन कैथोलिक ईसाई धर्म के पोप फ्रांसिस का निधन हो गया है। सोमवार सुबह वेटिकन सिटी के सीनियर ऑफिशियल कार्डिनल केविन फेरेल ने ऐलान किया, ‘आज सुबह 7 बजकर 35 मिनट पर रोम के बिशप फ्रांसिस, फादर के घर लौट गए। उनका पूरा जीवन प्रभु और उनके चर्च की सेवा के लिए समर्पित था।
उनकी इच्छा के मुताबिक, उन्हें उनकी पसंदीदा चर्च में दफनाया जाएगा। इससे पहले आम तौर पर पोप का शरीर संरक्षित करने की परंपरा है।
पोप की मौत कैसे हुए, उनका शरीर शांत होने के बाद उनकी अंगूठी क्यों तोड़ते हैं, नए पोप के लिए गोपनीय वोटिंग में चर्च से धुआं क्यों उठता है; उनका शव कैसे दफनाया जाता है, इन्हीं सब सवालों के जवाब आज हम आपको इस वीडियो में देने जा रहे हैं ।
1: पोप फ्रांसिस की मृत्यु किस वजह से हुई थी?
पोप फ्रांसिस को फरवरी में रोम के अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्हें ‘ब्रॉन्काइटिस’ और फिर ‘बायलेट्रल निमोनिया’ हो गया था, जो दोनों फेफड़ों में संक्रमण का एक गंभीर रूप है। पहले से उनके फेफड़े आंशिक रूप से हटाए जा चुके थे, जिससे सर्दियों में संक्रमण का खतरा ज्यादा रहता था। इस बार हालत बिगड़ने पर डॉक्टरों ने चेतावनी दी थी कि संक्रमण खून तक पहुंच सकता है, जिसे सेप्सिस कहा जाता है। 38 दिनों तक इलाज के बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिली, लेकिन मात्र एक महीने बाद, 21 अप्रैल को उनका निधन हो गया।
2: पोप की मृत्यु की आधिकारिक घोषणा कौन करता है और कैसे?
पोप की मृत्यु की पुष्टि वेटिकन के कैमरलेंगो करते हैं, जो चर्च में सबसे वरिष्ठ कार्डिनल होते हैं। वर्तमान में यह जिम्मेदारी कार्डिनल केविन फैरेल के पास है। वे पोप के चैपल में उनके शव की पुष्टि करते हैं और परंपरा अनुसार उन्हें नाम लेकर पुकारते हैं। इसके बाद पोप की अंगूठी को तोड़ा जाता है, जिससे उनके शासन का अंत माना जाता है। फिर चैपल को सील कर दिया जाता है। इसके बाद कार्डिनल्स कॉलेज और अंत में वेटिकन प्रशासन मीडिया को पोप के निधन की जानकारी देता है।
3 पोप के निधन के बाद उनके शव के साथ क्या प्रक्रिया अपनाई जाती है?
पोप की मृत्यु के बाद 9 दिनों तक ‘नोवेन्डिएल’ नाम का शोक मनाया जाता है। इस दौरान सेंट पीटर बेसिलिका में उन्हें श्रद्धांजलि दी जाती है। पारंपरिक रूप से पोप के शरीर को संरक्षित किया जाता है। पहले के समय में उनके कुछ अंग जैसे दिल आदि अलग निकालकर कलशों में सुरक्षित रखे जाते थे, जो आज भी चर्चों में मौजूद हैं। अब यह परंपरा कम हो चुकी है, लेकिन शरीर को सम्मानपूर्वक संरक्षित किया जाता है ताकि दुनिया भर से लोग अंतिम दर्शन कर सकें।
4: पोप को अंतिम रूप से कहां दफनाया जाएगा?
पोप फ्रांसिस को उनके पसंदीदा चर्च “सांता मारिया मैगीगोर बेसिलिका” में दफनाया जाएगा। यह उनकी अपनी इच्छा थी, जिसे उन्होंने 2023 में सार्वजनिक रूप से साझा किया था। परंपरा के अनुसार पोप को आमतौर पर सेंट पीटर बेसिलिका के नीचे स्थित वेटिकन ग्रोटोज़ में दफनाया जाता है। लेकिन पोप फ्रांसिस चाहते थे कि उनका अंतिम संस्कार एक सामान्य पादरी की तरह हो, इसलिए नियमों में बदलाव कर उनकी इच्छा के अनुसार स्थान तय किया गया।
5: पोप का पद क्या होता है और इसकी अहमियत क्या है?
पोप कैथोलिक ईसाइयों के सर्वोच्च धर्मगुरु होते हैं। उन्हें ‘पिता’ की संज्ञा दी जाती है और उनका कार्यक्षेत्र वेटिकन सिटी होता है। ‘होली सी’ नामक संस्था पोप का राजनयिक प्रतिनिधि होती है और दुनियाभर में इसके मिशन होते हैं। पोप के निर्देश कैथोलिक समुदाय में धार्मिक और नैतिक दिशा तय करते हैं। उनके विचार सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर भी असर डालते हैं। यही कारण है कि उन्हें पूरी दुनिया में अत्यंत प्रभावशाली धर्मगुरु माना जाता है।
6: पोप फ्रांसिस कब इस पद पर नियुक्त हुए थे?
13 मार्च 2013 को अर्जेंटीना के कार्डिनल खोर्खे मारियो बैरगोगलियो को पोप चुना गया और उन्होंने ‘पोप फ्रांसिस’ नाम लिया। वे पोप बेनेडिक्ट XVI के बाद इस पद पर आए थे, जिन्होंने उम्र और स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा दे दिया था। यह घटना रोमन कैथोलिक चर्च के इतिहास में पहली बार हुई थी जब किसी पोप ने स्वेच्छा से पद छोड़ा हो। फ्रांसिस को एक प्रगतिशील सोच वाले और विनम्र धर्मगुरु के रूप में जाना जाता है।
7: पोप बनने के लिए क्या योग्यताएँ होनी चाहिए?
कोई भी पुरुष जिसने बपतिस्मा लिया हो और जो कैथोलिक हो, वह पोप बनने के लिए पात्र होता है। हालांकि, आमतौर पर कार्डिनल्स में से ही पोप चुना जाता है। महिलाओं को पोप बनने की अनुमति नहीं है। इतिहास में एक बार एक महिला ने छद्म रूप से पोप का कामकाज संभाला था, जिस पर आधारित ‘पोप जोआन’ नाम की एक फिल्म भी बनी थी। वर्तमान चर्च प्रणाली में एक विशेष काउंसिल 9 कार्डिनल्स की होती है, जो पोप को सलाह देने का काम करती है।
8: पोप के चयन की प्रक्रिया कैसी होती है?
पोप का चुनाव सिस्टीन चैपल में गोपनीयता के साथ किया जाता है। दुनियाभर के कार्डिनल्स इसमें भाग लेते हैं, लेकिन केवल 80 वर्ष से कम उम्र वाले कार्डिनल ही वोटिंग करते हैं। जब तक किसी एक उम्मीदवार को दो-तिहाई बहुमत नहीं मिल जाता, वोटिंग जारी रहती है। हर राउंड के बाद बैलेट जला दिए जाते हैं—अगर काला धुआं उठता है, तो इसका मतलब है नया पोप नहीं चुना गया। सफेद धुआं संकेत देता है कि नया पोप चुन लिया गया है।
9: नए पोप का नाम क्या वही रहता है या बदला जाता है?
नया पोप चुने जाने के बाद वह खुद एक नया नाम चुनता है, जो अक्सर किसी पुराने संत या पोप के नाम पर होता है। इसके बाद वेटिकन के एक प्रतिनिधि ‘हैबेमस पापम’ कहकर सार्वजनिक घोषणा करते हैं, जिसका मतलब है—”अब हमारे पास पोप हैं।” नया पोप सेंट पीटर बेसिलिका की बालकनी से जनता को संबोधित करता है और अपने नए नाम के साथ पहली बार सार्वजनिक रूप में सामने आता है।
10: पोप फ्रांसिस के बाद संभावित नए पोप कौन हो सकते हैं?
फिलहाल मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पांच प्रमुख कार्डिनल्स पोप बनने के संभावित दावेदार हैं। इनमें शामिल हैं:
1.कार्डिनल फ्रिडोलिन अंबोंगो (अफ्रीका)
2.कार्डिनल पिएत्रो परोलिन (वेटिकन के सचिव)
3.कार्डिनल रेमंड बर्क (रूढ़िवादी विचारधारा वाले)
4.कार्डिनल पीटर एर्दो (यूरोपियन कट्टरपंथी माने जाते हैं)
5.कार्डिनल लुइस एंटोनियो टैगले (एशियाई प्रगतिशील चेहरा)
इनमें से कोई भी पोप फ्रांसिस की जगह ले सकता है।
तो ये जानकारी हमने खास आपके लिए बनाई थी आपको कैसी लगी कमेंट कर जरूर बताएं ।