रायपुर : दुनिया को गणित का ज्ञान देने वाले एवं दुनिया के गणित को सही माप प्रदान करने वाले भारत निवासी महान गणितज्ञ श्री निवास रामानुजम की आज 131वीं जयंती है। दुर्ग शासकीय महाविद्यालय के पूर्व प्राचार्य प्रो. डी के श्रीवास्तव एवं राजनांदगांव के सहायक शिक्षक निरीक्षक तरुण शुक्ला ने जानकारी देते हुए बताया कि स्व. रामानुजम का जन्म दक्षिण भारत के एक निर्धन परिवार में हुआ था। बचपन से ही अपनी प्रखर बुध्दि के बल पर उन्होंने न केवल गणित के असाध्य प्रश्नों को हल किया वरन गणित विषय में नये प्रयोग कर विश्व को भी गणित की शिक्षा मेें अहम मोड़ दिया।
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रामानुजम ने सातवीं कक्षा में ही लोनी द्वारा रचित त्रिकोणमिति की किताब को न केवल पढ़ा बल्कि किताब में कुछ नये संशोधन कर गणित को रोचक बनाने में अथक प्रयास किया। उन्होंने शून्य से शून्य को भाग दिये जाने पर उत्तर क्या होगा का हल कर पूरी दुनिया को अपने ज्ञान से आश्चर्यचकित कर दिया। गणितज्ञों एवं गणित के वैज्ञानिकों में आज भी उनके द्वारा प्रस्तुत किये गये शोध विद्याधियों को उनके माध्यम से पूरे विश्व में गणित की शिक्षा में न केवल नई रौशनी प्रदान कर रहे है वरन उनके द्वारा दिये गये ज्ञान के आधार पर ही विश्व के अनेक वैज्ञानिकों ने शोध पत्रों को पढक़र विभिन्न सेमिनारों में अध्ययन के माध्यम से डॉ. की डिग्री प्राप्त की। प्रखर साहित्यकार जय प्रकाश मानस ने स्व. रामानुजम की 131वीं जयंती पर उन्हें भावभीनी श्रध्दाजंलि अर्पित करते हुए गणित विषय में उनके द्वारा दिये गये योगदान से परिचित कराने के लिए स्कूल के शिक्षकों एवं महाविद्यालयों के प्राध्यपकों से विद्यार्थियों को अध्ययन कराने का आग्रह किया है।