रायपुर : छत्तीसगढ़ प्रदेश के कृषि एवं सिंचाई मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा बालमित्र अवधारणा विषय पर आयोजित एक दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि बच्चों को समान शिक्षा के बगैर बाल अधिकार संरक्षण की बात बेमानी है। शिक्षा के अधिकार कानून का फायदा कितने लोगों को मिल रहा है या कितने लोग ले पा रहे हैं यह भी समझने का विषय है। इस के माध्यम से भी गरीबों को न्याय मिलने में दिक्कत हो रही है। बहुत सारी बातें धरातल पर सही नहीं उतर रही है। जैसा कि हम देखते हैं कि सरकारी की ढेर सारी योजनाएं हैं।
संरक्षण की बात बेमानी है
परंतु उन योजनाओं का फायदा समझदार लोग ही ले पाते हैं। ऐसे लोग जो गरीब हैं जो लोग दो जून की रोटी के लिए संघर्ष करते हैं। ऐसे लोगों तक हम योजनाएं पहुंचाने के लिए हम कितना प्रयत्न कर पा रहे है यह आंकलन करें। बृजमोहन ने कहा कि हर सरकार बच्चों के भविष्य संवारने के लिए काम करती है। परंतु शिक्षा का स्तर सुधर जाये या समान शिक्षा का भाव सिस्टम में आ जाये तो निश्चित रुप से बच्चों के अधिकारों की लड़ाई हम जीत सकते हैं। बच्चों को अच्छी गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा देना ही चुनौती है। हम यह कार्य पूरा कर ले तो
रोटी के लिए संघर्ष
उनके उज्ज्वल भविष्य की राह स्वमेव बेहतर बन जायेगी। उन्होंने कहा कि आयोग एक स्वायत्त संस्था है निर्भीक होकर कार्य करें। वह यह ना सोचे कि सरकार से जुड़े हैं तो सरकार की मंशा अनुरूप ही कार्य करें। अगर कुछ कमी है तो अवगत कराये।उन्होंने कहा कि आयोग गरीब बस्तियों में जाकर देखें क्यों उनके बच्चों में टैलेंट कैसा है। वहा के टैलेंटेड बच्चों को आगे बढ़ाने में आयोग मदद करें।
गरीब बस्तियों में जाकर देखें
इस आयोजन में राष्ट्रीय बाल आयोग के सदस्य यशवंत जैन,राज्य बाल अधिकार आयोग की अध्यक्ष प्रभा दुबे,इंदिरा जैन, सहित देश के 15 राज्यों से आये बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्षगण व पदाधिकारी उपस्थित थे।