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Rajasthan government बची, पर नाराजगी भी होगी खत्म ?

नई दिल्ली: करीब एक महीने तक चली उठापटक के बाद आखिरकार राजस्थान सरकार (Rajasthan government) बच गई । कांग्रेस के कुनबे में मचा कलह आलाकमान के दखल के बाद शांत तो हो गया लेकिन ये मामला पूरी तरह ख़त्म हो गया है ऐसा कह पाना फिलहाल जल्दबाजी होगी । क्योंकि दोनो ही ओर से सरकार (Rajasthan government) गिराने और गिरने से बचाने के तमाम पैंतरे चले गए, लेकिन दोनों को अपनी-अपनी भलाई सुलह में ही नजर आई, लिहाजा फिलहाल दोनों खेमों में सुलह हो गई ङै ।

गलवार की रात जैसलमेर में हुई विधायक दल की बैठक में कई विधायकों ने सचिन खेमे को लेकर अपनी नाराजगी भी जताई. सचिन पायलट और उनके साथी विधायक घर वापसी कर चुके हैं, लेकिन सीएम अशोक गहलोत गुट के विधायक सचिन खेमे की बगावत से अब भी नाराज हैं. सचिन पायलट गुट के विधायक आज सीएम अशोक गहलोत से मुलाक़ात कर सकते हैं. इसके साथ ही कांग्रेस विधायक दल की बैठक भी आज हो सकती है. मं

अगर कोई दरवाजे पर आ ही गया तो उसे दुत्कारा नहीं जा सकता- सुरजेवाला

कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने तो ये तक कह दिया कि अब अगर कोई दरवाजे पर आ ही गया तो उसे दुत्कारा नहीं जा सकता. वहीं गहलोत खेमे के विधायकों ने कहा कि सचिन और उनके खेमे के लोगों को अगर सजा नहीं दी जा रही तो उन्हें इनाम भी नहीं दिया जाए. जयपुर आये गहलोत गुट के कई विधायकों ने इस बात को माना कि विधायक दल की बैठक में ये सब बातें हुई थी.

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Rape victim नाबालिग को हाईकोर्ट से मिली गर्भपात की अनुमति

नई दिल्ली, दिल्ली हाईकोर्ट ने रेप के एक मामले में पीड़ित (Rape victim) नाबालिग को गर्भपात की अनुमति दे दी है ।  न्यायमूर्ति विभू बखरू की पीठ ने आरएमएल अस्पताल को स्पष्ट निर्देश दिया है कि तभी गर्भपात कराया जाए जब पीड़िता (Rape victim) के जीवन को किसी प्रकार का खतरा ना हो। दिल्ली हाईकोर्ट ने राम मनोहर लोहिया अस्पताल द्वारा गठित किए गए मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट के आधार पर नाबालिग दुष्कर्म पीड़िता (Rape victim) को अपने 22 सप्ताह के गर्भ को गिराने की अनुमति दे दी है।

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई के दौरान पीठ ने पीड़िता व उसके पिता से बातचीत की। इस दौरान पीड़ित गर्भ को लेकर परेशान थी और उसके पिता भी चाहते थे कि गर्भपात कराने की अनुमति दे दी जाए। हालांकि कानून के तहत 20 सप्ताह के अधिक के गर्भपात कराने की अनुमति नहीं है। पीठ ने यह निर्देश एक 16 साल की दुष्कर्म पीड़िता की याचिका पर दिया।

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