
रायपुर
- कैग की रिपोर्ट के आधार पर राज्य में 576.88 करोड़ की वसूली के विरुद्ध वसूली की कार्यवाही प्रारंभ हो चुकी है, जिसमें रविशंकर शुल्क विश्वविद्यालय के 1.70 करोड़ की राशि भी शामिल है।10 जनवरी को कैग की रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए महालेखाकार मोहंंती ने कहा कि लेखा परीक्षा के दौरान राज्य शासन के विभागों के लेखाओँ के नमूना की जांच में पाई गई वसूलियों की पुष्टि और आगामी आवश्यक कार्यवाही की जानकारियां लेखा परीक्षक को सूचित करते हुए विभिन्न विभागीय आहरण और संवितरण अधिकारियों को भेजे जाते हैं।
- वर्ष 2016-17 के दौरान 75 प्रकरणों में इंगित की गई 576.88 करोड़ की वसूली के विरुद्ध 28 प्रकरणों में 23.67 करोड़ रुपए की कुल वसूली की गई है। आर्थिक क्षेत्र के 75 प्रकरण में से 17 प्रकरणों में 12.25 करोड़ की वसूली की गई है।
- यह वसूलियां लोक निर्माण विभाग, जल संसाधन और कृषि विभाग में रायल्टी, मोबलाइजेशन अग्रिम, कार्यस्थल की खुदाई से प्राप्त हार्ड राक की लागत, अतिरिक्त लागत, देरी के लिए दंड, कर्मचारियों और ठेकेदारों से वसूली मद में की गई है।
- उसी प्रकार रजिस्ट्रार पंडि़त रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर द्वारा अप्रैल 2000 से जुलाई 2017 के मध्य अपने कर्मचारियों को वाहन भत्ते के रूप में 1.70 करोड़ रुपए के अनियमित और अनाधिकृत भुगतान राज्य शासन के नियमों के विरुद्ध और बिना अनुमति के किया गया।
- लेखा परीक्षा में इंगित (मई 2016) किए जाने पर रजिस्ट्रार ने अगस्त 2017 मं समूह तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को उच्च दर पर अनियमित भुगतान और प्रथम और द्वतीय श्रेणी के कर्मचारियों को अनाधिकृत भुगतान रोकने के आदेश जारी किए ।
- इसके अलावा विश्वविद्यालय ने अतिरिक्त भुगतान की वसूली (अक्टूबर 2017 और अगस्त 2018 के मध्य) प्रारंभ की साथ ही कर्मचारियों से 29.44 लाख वसूले।
- विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार की ओर से शेष राशि आगामी किस्तों में वसूलने के लिए लेखापरीक्षा को आश्वासन भी दिया है।